विश्व सिकल सेल दिवस पर सिकल सेल की स्क्रीनिंग और जागरूकता कार्यक्रम में हुए शामिल, मुख्यमंत्री ने सिकल सेल जागरूकता रथ को किया रवाना
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सिकल सेल पीड़ितों को जेनेटिक कार्ड का वितरण किया,मुख्यमंत्री ने सिकल सेल की जानकारी देने वाली हल्दी और गोंडी भाषा की पुस्तिका का विमोचन किया,साथ में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री राम विचार नेताम ,शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित हैं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विश्व सिकल सेल दिवस पर इस बीमारी पर काबू पाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि सरकार इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने और समय रहते इसकी जांच करवाने जैसे विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही है, साथ ही इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की ताकत का भी लाभ उठा रही है।
दुनियाभर में हर साल 19 जून को वर्ल्ड सिकल सेल डे (World Sickle Cell Day 2024) मनाया जाता है। बता दें यह रेड ब्लड सेल डिसऑर्डर से जुड़ी एक बीमारी है जो खून में मौजूद हीमोग्लोबिन को बुरी तरह प्रभावित करती है। ऐसे में बॉडी में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है और सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा हो जाता है।
19 जून को हर साल विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया जाता है। यह एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) को प्रभावित करता है। ऐसे में, आरबीसी की कमी देखने को मिलती है, जिससे शरीर के अंगों को ठीक तरह से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। समय रहते इलाज न कराने पर यह घातक भी हो सकती है।
“सिकलिंग एक अनुवांशिक बीमारी है. माता पिता में मौजूद सिकलिंग के जीन उनके संतान में आते है. सिकलिंग के जीन को दो प्रकार में विभक्त किया गया है. इनमें एक जीन को AS नाम दिया गया है, जो ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता. लेकिन SS नामक जीन माता और पिता के S-S जीन मिलने से बच्चे में होता है. यही जीन किसी व्यक्ति में सिकल सेल एनीमिया होने की मुख्य वजह बनती है.”