पेंड्रावन जलाशय के कैचमेट में पुनः खनन परियोजना की अनुमति नहीं मिले, इसे लेकर पेंड्रावन जलाशय बचाओ किसान संघर्ष समिति की बंगोली स्थित रेस्टहाउस में बैठक की गई। इसमें पेंड्रावन जलाशय को बचाने के लिए निर्णय लिया गया है कि समिति प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष और जल संसाधन मंत्री से मुलाकात करेगी और खनन की अनुमति कंपनी को नहीं दे, इसकी मांग की जाएगी। समिति के पदाधिकारी घनश्याम वर्मा और आलोक शुक्ला ने बताया कि अल्ट्राटेक कम्पनी के दवाब में जल संसाधन विभाग ने 3 जनवरी 2017 को खनन के पक्ष में एनओसी जारी किया था। इसके विरोध में 20 मार्च को व्यापक किसान आंदोलन हुआ था, जिसके बाद तत्कालीन जल संसाधन मंत्री ने एनओसी को निरस्त कर दिया था।
उन्होंने बताया कि निरस्तीकरण के इस आदेश को कम्पनी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस पर न्यायालय ने 25 अप्रैल 2024 को विभाग के निरस्तीकरण के आदेश को खारिज करते हुए जल संसाधन विभाग से कहा था ,कि वह कंपनी को सुनवाई का अवसर देते हुए तीन महीने के अंदर पुनः निर्णय ले। समिति की बैठक में विचार- विमर्श के बाद तय किया गया कि खनन के पक्ष में राज्य सरकार एनओसी जारी न करे, इसकी मांग करेंगे। बैठक में पूर्व विधायक देवजी पटेल, उद्धव राम वर्मा, देवव्रत नायक, आलोक शुक्ला, खेमनाथ नायक, अनिल नायक, नरोत्तम शर्मा, विसहत कुरें, धर्मेंद्र बैरागी, अंकित वर्मा, डॉ ऋषि कांत चौधरी, दीनू अग्रवाल, घनश्याम वर्मा शामिल हुए।