जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि बेटा नाफरमान तो पिता के घर को ध्वस्त करना सही नहीं’
सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों में चल रहे बुलडोजर एक्शन के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि किसी आरोपी या संदिग्ध या यहां तक कि दोषी की संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जा सकता है. इसके लिए दिशा-निर्देशों की जरूरत है और हम पूरे देश के लिए नियम बनाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर एक्शन को लेकर दायर याचिका पर सोमवार से सुनवाई शुरू कर दी. सुनवाई के पहले दिन अदालत ने कई सख्त टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि किसी आरोपी, संदिग्ध या यहां तक कि दोषी की संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जा सकता है. इस मुद्दे पर हम पूरे देश के लिए दिशा निर्देश जारी करेंगे. जाहिर तौर पर यह नियमों का उल्लंघन है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 17 सितंबर होगी.
सर्वोच्च अदालत की बाकी टिप्पणियों को जानने से पहले हमें इस पूरे मामले को भी जानना जरूरी है. अप्रैल 2022 में दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हुई हिंसा के बाद बुलडोजर एक्शन शुरू हुआ था. बुलडोजर एक्शन एक विशेष समुदाय के लोगों पर था, ऐसे में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. तब अदालत ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी, लेकिन बुलडोजर की कार्रवाई दूसरे राज्यों में समय-समय पर चलती रही. इसके बाद जमीयत ने नेतृत्व करते हुए तीन राज्यों के खिलाफ विशेष याचिका दाखिल की. जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू की है.