मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था और उसे प्रताड़ित किया था. इसके बाद अक्षय बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया.
मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम का नामांकन वापस लेना चर्चा में बना हुआ है. उन्होंने अपना नामांकन ही वापस नहीं लिया बल्कि कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी में भी शामिल हो गए. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था और उसे प्रताड़ित किया था. इसके बाद अक्षय बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया. पटवारी ने कहा कि अक्षय बम के खिलाफ एक पुराने मामले में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई थी. उसे …दिलचस्प ये है कि ये धारा इंदौर सीट से नामांकन वापस लेने के उनके फैसले से पांच दिन पहले ही लगाई गई थी. कांग्रेस ने बीजेपी पर अपने उम्मीदवारों को डराने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लोकतंत्र को खतरा है. पटवारी ने कहा कि इसी तरह की घटना गुजरात के सूरत में में भी हुई थी, जहां कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी का नामांकन खारिज होने के बाद बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया
17 साल पुराने मामले में धारा 307 जोड़ी
अक्षय कांति बम पर 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के साथ जमीन विवाद के दौरान हमला, मारपीट और धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी लेकिन खजराना पुलिस ने तब एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी
लेकिन जिस दिन अक्षय कांति बम ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा. उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बमपर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई. उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया. माना जा रहा है कि इस दबाव में बम ने यह फैसला लिया. हालांकि, पांच अप्रैल को दर्ज याचिका में पटेल ने सतवीर सिंह नाम के शख्स पर भी आरोप लगाए हैं, जो एक सिक्योरिटी एजेंसी चलाता है. आरोप है कि सतवीर ने पटेल पर कांतिलाल के कहने पर फायरिंग की थी. कोर्ट ने 24 अप्रैल को याचिका स्वीकार कर पुलिस को एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने का निर्देश दिया. साथ ही बम और उनके पिता कांतिलाल को 10 मई कोर्ट ने 24 अप्रैल को याचिका स्वीकार कर पुलिस को एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने का निर्देश दिया. साथ ही बम और उनके पिता कांतिलाल को 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया. माना जा रहा है कि इस दबाव में बम ने यह फैसला लिया.
हालांकि, पांच अप्रैल को दर्ज याचिका में पटेल ने सतवीर सिंह नाम के शख्स पर भी आरोप लगाए हैं, जो एक सिक्योरिटी एजेंसी चलाता है. आरोप है कि सतवीर ने पटेल पर कांतिलाल के कहने पर फायरिंग की थी.