जब से भारत के फेमस मसाला ब्रांड्स एवरेस्ट और एमडीएच (MDH and Everest Spices Case) पर सवाल उठने शुरू हुए हैं तब से मसाला इंडस्ट्री टेंशन में हैं. भारतीय मसालों (Indian spices) का बहुत बड़ा बाजार है. जो कई देशों में फैला है. हांगकांग और सिंगापुर में कुछ मसालों में खतरनाक केमिकल मिलने के बाद दोनों ही ब्रांड्स के मसालों को वहां बैन कर दिया.
और गंभीर हो सकता है मामला
आर्थिक शोध संस्थान वैश्विक व्यापार अनुसंधान पहल ने इस बारे में रिपोर्ट पेश की है. जिसके अनुसार कई देशों में भारतीय मसालों की जांच शुरू हो गई है. यदि ये जांच ऐसे ही जारी रहती है और चीन या यूरोप तक भी पहुँचती है तो मामला और ज्यादा गंभीर हो जाएगा.
भारत के मसाला कारोबार का विदेशी बाजार में भी बड़ा दांव लगा हुआ है. यदि सभी देशों में इनकी जांच शुरू हुई तो 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो सकता है. विदेशों की सरकारों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के कारण भारत के मसाला उद्योग को लगभग 50 फीसदी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
मसालों को लेकर देश की किरकरी
भारत की अच्छे मसालों के लिए पहचान है. यहां से कई देशों में मसालों की पूर्ति की जाती है. लेकिन इस बार मसालों को लेकर देश की किरकिरी हुई है. अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने भी इन मसालों की जांच करनी शुरू कर दी है. जीटीआरआई ने भी इस मामले को जल्दी निपटाने की बात कही है. क्योंकि इसमें न केवल प्रसिद्ध मसाला उद्योग बल्कि भारत की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
भारत को सुलझाना होगा मुद्दा
जिन बड़े देशों में मसालों की जांच की जा रही है या जांच के बाद बैन या होल्ड पर रखा गया है उनमें 5800 करोड़ रुपये का निर्यात मझदार में है. भारत के मसाला निर्यात पर भारी असर हुआ है. इस मामले को लेकर जीटीआरआई द्वारा कहा गया है कि भारत को सबसे पहले मसालों की गुणवत्ता से संबंधित मुद्दों पर कड़े फैसले लेकर वैश्विक मार्केट का फिर से विश्वास हासिल करना चाहिए.