NCERT 12वीं राजनीतिक विज्ञान की किताब में ‘भगवान राम का जन्म स्थान माना जाता है’ से संदर्भ बदलकर ‘श्री राम के जन्म स्थान, सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों से एक…’ कर दिया गया है. यह पहली बार है कि अयोध्या राम जन्मभूमि का संदर्भ लाया गया है क्योंकि ‘भगवान राम’ को बदलकर ‘श्री राम’ कर दिया गया है. यह 2014 के बाद से एनसीईआरटी पुस्तक का चौथा संशोधन है!.
भगवान राम से लेकर श्री राम तक, बाबरी मस्जिद, रथयात्रा, कारसेवा और विध्वंस के बाद की हिंसा की जानकारी को NCERT की नई किताब से हटा दिया गया है. 12वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस में कई बड़े बदलाव करते हुए बाबरी मस्जिद की जानकारी हटाने और ‘अयोध्या विवाद’ को ‘अयोध्या मुद्दा’ लिखने की बात आई है. बाबरी मस्जिद नाम के बजाय किताब से इसे केवल “तीन-गुंबद संरचना” के रूप में पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा, अयोध्या पर अध्याय को चार पेजों से घटाकर दो पेज में कर दिया गया है.!
NCERT ने क्या-क्या बदला? देखें पुराना Vs नया
लगभग 2 पेज कम करने के बाद नई बुक इस प्रकार शुरू होती है – “अयोध्या मुद्दा, दूसरे महत्वपूर्ण विकास के रूप में, विभिन्न हितधारकों के विभिन्न दृष्टिकोणों से संबंधित देश के सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक इतिहास में गहराई से निहित था. इसमें श्री राम के जन्म स्थान, सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक और इसके कानूनी स्वामित्व के बारे में विवाद शामिल थे. अयोध्या राम जन्मभूमि स्थल के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1528 से शुरू होने वाला 500 साल लंबा इतिहास कई संघर्षों से चिह्नित है, जिसका विवरण लखनऊ, बाराबंकी और फैजाबाद जिला गजेटियर में भी दर्ज है. श्री राम के जन्म स्थान पर 1528 में तीन गुंबद वाली संरचना का निर्माण किया गया था, लेकिन संरचना के आंतरिक और बाहरी हिस्सों में हिंदू प्रतीकों और अवशेषों का स्पष्ट प्रदर्शन था. इसलिए राम जन्मभूमि मुद्दा अपनी प्राचीन सभ्यता में राष्ट्रीय गौरव से जुड़ गया. वर्षों से यह मुद्दा एक लंबी कानूनी लड़ाई में बदल गया, जिसके कारण अदालती काअदालती कार्यवाही शुरू होने के कारण 1949 में ढांचे को सील कर दिया गया.”