सरकार के पत्र से प्रश्नों के घेरे में पूर्व एसपी का आचरण, निष्ठा और कर्तव्य
रायपुर बलौदाबाजार हिंसा मामले में निलंबित आइपीएस सदानंद कुमार के विरुद्ध राज्य सरकार ने आरोप पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बलौदाबाजार-भाटापारा के तत्कालीन एसपी सदानंद ने जैतखाम नोड़फोड़ मामले में अखिल भारतीय नेवा (आचरण) नियम का उल्लंघन कया है।
साथ ही कहा गया है कि 15-16 ई 2024 की रात को गिरौदपुरी धाम अमरगुफा में सतनामी समाज के ■न जैतखाम को तोड़ने और मंदिर गेट को तोड़ने पर पर गिरौदपुरी की में अपराध दर्ज किया गया था।
इस मामले की गंभीरता को समझे बिना और उचित जांच के बिना पांच जून को न्यायालय में अभियोग पत्र पेश कर दिया गया था। इसे अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के तहत आचरण, निष्ठा और कर्तव्य में लापरवाही माना गया है। हिंसक हुए प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में रखे लगभग 200 वाहनों को जला दिया गया था। इस हिंसा में लगभग 12 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। दो माह पूर्व हुई हिंसा में अब तक पुलिस ने 184 लोगों को गिरफ्तार किया है। हाल ही में 24 अगस्त को भिलाई से पांच आरोपितों को पकड़ा गया है। इसी मामले में भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को रायपुर केंद्रीय जेल भेजा जा चुका है। उनकी मंगलवार को न्यायिक रिमांड खत्म हो रही है।
यह है पूरा मामला
15-16 मई की रात को असामाजिक तत्वों ने जैतखाम में तोड़फोड़ की थी। मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई से असंतुष्ट सतनामी समाज के लोगों ने न्यायिक जांच की मांग की थी। इस बीच गृह मंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा भी कर दी थी। इसके बाद भी ज्ञापन देने के लिए 10 जून को समाज के लोग बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। इसी दौरान यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया था। हिंसा के तीन दिन बाद राज्य सरकार ने कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया था।