नव नियुक्त OSD द्वारा कार्य पालन अभियंता स्तर के वरिष्ठ अफसरों के नामों कि सूची काटा जा रहा हैं, और अपनें पसंदीदा जूनियर अफसरों को जिले का प्रभार दिया जा रहा हैं
छत्तीसगढ़ में निर्माण विभाग ज्यादातर प्रभारियों के भरोसे ही चल रहे हैं। जल संसाधन और लोक निर्माण विभागों के साथ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में भी प्रभारवाद हावी है। विभाग में महत्वपूर्ण कार्य जूनियर अफसरों के भरोसे ही चल रहे हैं। जबकि कार्यपालन अभियंता स्तर तक के कई वरिष्ठ अफसरों को किनारे कर दिया गया है। इसे लेकर भी विभाग में अफसरों के बीच अंदरूनी खींचतान चल रही है। वरिष्ठ अफसर दबी जुबान में विरोध भी जता रहे हैं। इसका विभागीय कामकाज पर भी असर पड़ रहा है।
कार्यपालन अभियंता स्तर के कुछ वरिष्ठ अफसर विभागीय कार्रवाई झेल रहे हैं। जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही समेत अन्य आरोपों पर इनके खिलाफ जवाबदेही तय करते हुए सीधे निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनके स्थान पर भी प्रभारियों के भरोसे काम चल रहा है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कई जिलों में वरिष्ठ अफसरों को दरकिनार कर जूनियर अफसरों को अहम जवाबदारी दी गई है। लगभग दर्जन भर से अधिक जिलों में डिवीजन कार्यालयों में ऐसी ही स्थिति है। कई जिलों में सहायक यंत्री के तौर पर नियुक्त अफसरों को कार्यपालन अभियंता का प्रभार दिया गया है। वहीं कई कार्यालयों में उपयंत्री ही सहायक अभियंता के प्रभार के साथ काम कर रहे हैं। इसके चलते भी वरिष्ठ अफसरों में भारी नाराजगी है। सूत्रों के मुताबिक महासमुंद, गरियाबंद, मोहला मानपुर, मुंगेली, बिलासपुर, सुकमा, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, मनेंद्रगढ़, अंबिकापुर, कोरिया और दुर्ग में ऐसी स्थिति है। इसी तरह कबीरधाम जिले में करीब डेढ़ वर्ष पहले ही उपयंत्री से सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नत हुए अफसर को कार्यपालन अभियंता का प्रभार सौंपा गया है। विभाग में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इसी जिले में इनसे वरिष्ठ अफसरों को दरकिनार कैसे कर दिया गया है। इनमें प्रभारी बने कई अफसरों के राजनीतिक रसूख को लेकर भी चर्चाएं हैं। वरिष्ठता क्रम में भी प्रभारी अफसर अन्य अफसरों से काफी पीछे हैं। इतना ही नहीं बल्कि विभाग के तीन परिक्षेत्र कार्यालय भी प्रभारवाद की चपेट में हैं। इनमें जगदलपुर और बिलासपुर परिक्षेत्र में अधीक्षण अभियंता को मुख्य अभियंता का प्रभार सौंपा गया है।