
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री मनिकराव कोकाटे ने अपनी सरकार की लाड़की बहन योजना पर कई सवाल उठा दिए हैं। कृषि मंत्री के अनुसार, लड़की बहिन योजना के कारण राज्य के खजाने पर दबाव आया है, जिससे राज्य सरकार की किसानों के ऋण माफी योजना को लागू करने की क्षमता प्रभावित हुई है। कोकाटे ने कहा, लड़की बहिन योजना से बढ़े वित्तीय दबाव के कारण राज्य का फंड कम हो गया है, जिससे हम किसानों के ऋण माफी योजना के लिए आवश्यक राशि का प्रबंध नहीं कर पा रहे हैं। हम वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और जैसे ही राज्य की आय में वृद्धि होगी, हम अगले चार से छह महीनों में ऋण माफी योजना पर कार्य शुरू कर देंगे।
क्या है लड़की बहिन योजना
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार ने इस योजना को लॉन्च किया था। राजनीतिक जानकारों ने लड़की बहिन योजना को मास्टर स्ट्रोक बताया था। लेकिन, यह योजना राज्य के खजाने पर बोझ बनती जा रही है। इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष तक की अविवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके लिए परिवार की वार्षिक आय सीमा 2.5 लाख रुपये तय की गई है। इस योजना पर लगभग 46,000 करोड़ रुपये का खर्च हो सकता है। माना जाता है कि विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की जीत के पीछे इस योजना का अहम योगदान रहा है।
फर्जी लाभार्थियों की शिकायत
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने पिछले हफ्ते बताया था कि राज्य सरकार ने लड़की बहिन योजना के तहत फर्जी लाभार्थियों के बारे में प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। उन्होंने आयकर और परिवहन विभाग से लाभार्थियों के सत्यापन की जांच के लिए जानकारी मांगी है। तटकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार केवल उन शिकायतों पर कार्रवाई करेगी, जो फर्जी लाभार्थियों के संबंध में हैं। उन्होंने कहा, योजनाओं के वास्तविक लाभार्थियों को आर्थिक राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।