सीवी आनंद बोस ने कहा, ”अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है, तो भगवान उन्हें आशीर्वाद दें, लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते.”:
कोलकाता बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन की एक कर्मचारी की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने इसे “इंजीनियर्ड नैरेटिव” बताया है. उन्होंने कहा, “अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है, तो भगवान उन्हें आशीर्वाद दें, लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहींरोक सकते
.”राजभवन ने एक्स पर पोस्ट की एक सीरीज में लिखा- “राजभवन के कर्मचारियों ने माननीय राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस के साथ एकजुटता व्यक्त की. माननीय राज्यपाल के खिलाफ दो असंतुष्ट कर्मचारियों द्वारा राजनीतिक दलों के एजेंट के रूप में कुछ अपमानजनक बातें प्रसारित की गईं थीं
राज्यपाल के खिलाफ यह आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले सामने आए. पीएम मोदी के आज रात में कोलकाता पहुंचने की उम्मीद है. वे राजभवन में रुकेंगे.
पुलिस के सूत्रों ने आज दोपहर में कहा कि, राजभवन में पीस रूम से जुड़ी एक अस्थायी कर्मचारी होने का दावा करने वाली एक महिला गवर्नर हाउस के अंदर स्थित पुलिस चौकी पर पहुंची और बोस पर उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया. उसे हेयर स्ट्रीट के स्थानीय पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उसने शिकायत दर्ज कराई. उसने गवर्नर पर उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है.
राज्यपाल पर आरोप राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए एक वरदान के रूप में सामने आए हैं. टीएमसी संदेशखाली में अपने नेता शेख शाहजहां के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर चिंतित है. राज्यपाल संदेशखाली की महिलाओं से बात करने वाले पहले लोगों में से थे और उन्होंने राज्य सरकार के बारे में सख्त टिप्पणी की थी.
तृणमूल की वरिष्ठ नेता शशि पांजा ने कहा, “हम पूरी तरह से स्तब्ध हैं. वही राज्यपाल जो महिलाओं के अधिकारों के बारे में बात करते हुए संदेशखाली पहुंचे थे, अब एक शर्मनाक घटना में शामिल हो गए हैं. उन्होंने अपने पद और अपनी कुर्सी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.”
उन्होंने कहा, “इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता कि एक राज्यपाल ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल हो और वह भी राजभवन में… आज प्रधानमंत्री राज्य में आ रहे हैं और वह राजभवन में रुकेंगे. हम इस मामले पर उनकी प्रतिक्रिया जानना चाहते हैं.”
पत्रकार से नेता बनीं सागरिका घोष ने इस मामले को “चौंकाने वाला और भयावह” बताया.