प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने अपना 11वां बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े एलान किए। उन्होंने देश के अन्नदाताओं को कई सौगातें दीं।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आज यानी 23 जुलाई को आ गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह लगातार सातवां बजट था। आम चुनावों के बाद आए इस बजट में सरकार की घोषणाओं पर सबकी नजर ठिकी हुई थीं। ऐसे में किसानों को भी इस बजट से काफी उम्मीदें थीं और सरकार ने उनके लिए भी कई अहम एलान भी किए। आइए जानते हैं कि सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों के लिए क्या एलान किए थे और इस बार उनमें क्या-क्या बदलाव किए गए!
इस बार के बजट में किसानों को यह मिला
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में केंद्रीय बजट 2024 को पेश किया। इस साल के बजट में किसानों का खास ध्यान रखा है और किसानों की कमाई में इजाफा करने के लिए कई कदम उठाए गए। बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस फंड से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। इस दौरान निर्मला सीतारमण के पिटारे से किसानों के लिए कई योजनाएं निकली हैं। बजट 2024 में केंद्रीय सरकार का फोकस कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कृषि में तकनीक को बढ़ावा देने और प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ाने पर रहा है। हालांकि, बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी और एमएसपी को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई हैं।
किसानों के लिए खुला सरकार का पिटारा
- डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई): देश के 400 जिलों में डीपीआई का उपयोग करते हुए खरीफ फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण किया जाएगा
- पांच राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
- झींगा मछली ब्रूडस्टॉक के लिए केन्द्रीकृत प्रजनन केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने हेतु वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था की वृद्धि और रोजगार सृजन में तेजी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सहयोग नीति तैयार की जाएगी
- किसानों के लिए 32 कृषि और बागवानी में फसलों की 109 उच्च-पैदावार और जलवायु-अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी
- क्रियान्वयन में सहायता के लिए 10 हजार आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे
- देश भर में 1 करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग के माध्यम से प्राकृतिक खेती की शुरुआत की जाएगी।