भारत संग तल्खी के बीच कनाडा में दिवाली का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. यह कार्यक्रम पार्लियामेंट में होना था.
कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोलीवरे ने भारत के साथ चल रहे कूटनीतिक विवाद के बीच संसद भवन में होने वाले दिवाली समारोह को रद्द कर दिया है। कार्यक्रम के आयोजक ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (OFIC) को दिवाली समारोह को रद्द करने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला, जिसे मूल रूप से 30 अक्टूबर को कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी द्वारा आयोजित किया जाना था
दरअसल, कनाडा के विपक्षी नेता भी अब जस्टिन ट्रूडो के नक्शे कदम पर चल पड़े हैं. जस्टिन ट्रूडो ने न तो दिवाली सेलिब्रेट किया और न ही उन्होंने विश किया. वहीं, विपक्षी नेता पियरे पॉइलीवरे ने तो दिवाली सेलिब्रेशन कार्यक्रम ही रद्द कर दिया. जबकि कनाडा के पड़ोस में यानी अमेरिका में तो जो बाइडन ने काफी गर्मजोशी से दिवाली के त्योहार को सेलिब्रेट किया है.
बिना किसी कारण के दिवाली उत्सव कैंसल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली का यह कार्यक्रम बुधवार 30 अक्टूबर को होना था, लेकिन इसे बिना किसी कारण के रद्द कर दिया गया. इस समारोह का आयोजन प्रवासी भारतीय समूह, ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (OFIC) ने किया था और और इसकी मेजबानी कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी को करनी थी. कनाडा में पिछले 23 सालों के इतिहास में यह पहली बार हुआ है. यह आयोजन पिछले 23 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है और इसमें कनाडा में रहने वाले हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध भाग लेते हैं. मगर इस बार कनाडा में दिवाली उत्सव पर रोक लग गई.
हालांकि, विपक्षी नेता पॉइलीवरे के फैसले से कनाडा में रहने वाले हिंदू काफी नाराज हैं. ओएफआईसी के अध्यक्ष शिव भास्कर ने पॉइलीवरे को एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने समारोह रद्द होने पर दुख जताया. उन्होंने लिखा कि यह कार्यक्रम दिवाली के सम्मान में एक खुशी का अवसर होता. यह त्योहार न केवल भारतवंशी कनाडाई समुदाय के लिए बहुत अहम है, बल्कि कनाडा की बहुसांस्कृतिक भावना का भी प्रतीक है, जिस पर उसे गर्व है. भारत और कनाडा के बीच मौजूदा राजनयिक स्थिति के कारण इस कार्यक्रम से नेताओं के अचानक पीछे हटने से हमें विश्वासघात और अन्याय का एहसास हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद चिंताजनक है.