जेल से बाहर आने के बाद इंजीनियर राशिद का बयान,एनडीए या इंडिया से लेना देना नहीं,
जम्मू कश्मीर के बारामूला सीट से सांसद राशिद इंजीनियर (Baramulla MP Engineer Rashid) के जेल से बाहर आते ही जम्मू कश्मीर में सियासी पारा चढ़ गया है। दरअसल सांसद शेख अब्दुल राशिद (इंजीनियर राशिद) 11 सितंबर को तिहाड़ से बाहर आए। 10 सितंबर को दिल्ली की अदालत ने उन्हें 2 अक्टूबर तक की अंतरिम जमानत दी थी। उन्होंने जेल से निकलकर कहा कि साढ़े पांच साल जेल में रहने के बाद मैं खुद को मजबूत और अपने लोगों के लिए गर्व से भरा महसूस कर रहा हूं। मैं वादा करता हूं कि अपने लोगों को निराश नहीं करूंगा। राशिद ने ये भी कहा कि मैं शपथ लेता हूं कि मोदी ने जो ‘नया कश्मीर’ का नैरेटिव बनाया है, जिसे लोगों ने नकार दिया है, उसके खिलाफ लड़ाई लड़ूंगा। जेल से बाहर निकलते ही राशिद इंजीनियर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की इस दौरान क्या-क्या उन्होंने क्या-क्या कहा सुनिए।
बता दें सांसद पर 2019 में आतंकी फंडिंग का आरोप है। इस मामले में ही दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दी है। सांसद ने मीडिया में दिए बयानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशान साधा, उन्होंने कहा कि पीएम की नई कश्मीर वाली कहानी फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 पर मैं अपने लोगों को निराश नहीं करूंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं पीएम मोदी के ‘नया कश्मीर’ के कथन से लड़ूंगा, जो पूरी तरह से विफल रहा है।
बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद को जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम ज़मानत दी गई है. इसको लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि ‘मुझे पता था कि ऐसा होगा.’
मुझे अफ़सोस बारामूला के लोगों के लिए है. इंजीनियर राशिद को ज़मानत बारामूला के लोगों की ख़िदमत के लिए नहीं मिली है. संसद में उपस्थित रहने और सांसद के तौर पर काम करने के लिए नहीं मिली.”
उन्होंने कहा, “इंजीनियर राशिद को ज़मानत सिर्फ़ वोट के लिए मिली है. इसके बाद उन्हें फिर से तिहाड़ भेज दिया जाएगा. इसके बाद उत्तर कश्मीर के लोग दोबारा फिर से प्रतिनिधि के बिना होंगे.”
उमर अब्दुल्ला ने बताया कि महबूबा मुफ़्ती ने तो खुलकर कहा है कि इंजीनियर राशिद बीजेपी के कहने पर काम कर रहे हैं.
तिहाड़ जेल से किए गए रिहा
दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत से अंतरिम जमानत मिलने के बाद बारामुल्ला सांसद राशिद इंजीनियर को गुरुवार को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। यह जमानत आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले से संबंधित है। बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने राशिद इंजीनियर को रिहा तो कर दिया, लेकिन एक शर्त भी लगाई कि वह चल रहे मामले के बारे में मीडिया से बात नहीं कर सकेंगे। अंतरिम जमानत 2 अक्टूबर तक ही वैध है। इस बीच, उनकी नियमित जमानत याचिका पर फैसला 5 अक्टूबर, 2024 तक के लिए टाल दिया गया।
किस आरोप में हैं गिरफ्तार?
राशिद को इससे पहले 2005 में श्रीनगर में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा आतंकवादियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में आरोप हटा दिए गए थे। अगस्त 2019 में, उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
उमर अब्दुल्ला को भारी मतों से हराया था
गौरतलब है कि जेल में रहते हुए, राशिद इंजीनियर ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल किया और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराकर 2,04,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।