द्रविड़ कषगम ने कहा कि यह बयान शर्मनाक है।
चेन्नई : आइआइटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटी ने गौमूत्र के औषधीय गुण बताए हैं। कामकोटी का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है जिसमें वह वह गायों की स्वदेशी नस्लों की रक्षा और जैविक खेती के महत्व बताते हुए ‘गोमूत्र’ के औषधीय गुणों की प्रशंसा करते दिख रहे हैं।
बुधवार 15 जनवरी को मातु पोंगल के दिन गोसंरक्षण शाला में एक कार्यक्रम में उन्होंने एक संन्यासी के जीवन का किस्सा भी सुनाया। कहा कि तेज बुखार होने पर संन्यासी ने गोमूत्र का सेवन किया। गोमूत्र सेवन से वह स्वस्थ हो गया। कामकोटी ने कहा, गोमूत्र में “एंटी-बैक्टीरियल या जीवाणु रोधी, एंटी-फंगल या कवक रोधी गुण होते हैं। यह पाचन में भी उपयोगी है। मातु पोंगल में गायों और बैलों की पूजा की जाती है। आइआइटी निदेशक ने ‘गो संरक्षण’ पर जोर देते हुए कहा कि इसके आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ हैं। उन्होंने कहा, हम जितनी जल्दी जैविक, प्राकृतिक खेती अपनाएंगे, वही हमारे लिए अच्छा है। उन्होंने कहा, स्वदेशी गायें और बैल जैविक खेती का मूल आधार हैं। इसलिए, स्वदेशी मवेशियों की नस्लों की रक्षा के लिए अधिकतम संभव प्रयास किए जाने चाहिए।
इस बीच गोमूत्र को लेकर आइआइटी मद्रास के निदेशक के बयान का विरोध शुरू हो गया है। द्रविड़ कषगम ने कहा कि यह बयान शर्मनाक है। द्रमुक नेता टीकेएस एलंगोवन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की मंशा देश में शिक्षा को खराब करने की है। ने कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम कहा कि आइआइटी निदेशक द्वारा छद्म विज्ञान को बढ़ावा देना के लिए अशोभनीय है। थानथई पेरियार द्रविड़ कषगम नेता के. रामकृष्णन ने केहा, कामकोटि अपने दावे के लिए साक्ष्य दें या मांफी मांगें। अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो हम उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
#IITMadras Director prfo.V kamkoti sir
— 𝑺𝒘𝒆𝒆𝒕 𝒔𝒂𝒅𝒊𝒔𝒕 ( Endukante nenu visionary (@keystonehabitee) August 31, 2022
Education brings Humbleness &Educater Defines that Humbleness
This video is really worthfull watching!! pic.twitter.com/X0yUNw2H4o
भाजपा तमिलनाडु अध्यक्ष के अन्नामलाई ने इस मामले के राजनीतिकरण के प्रयासों की निंदा की। अन्नामलाई ने कहा कि आइआइटी के प्रोफेसर की टिप्पणी उनका व्यक्तिगत विचार है। कामकोटि ने किसी को गोमूत्र पीने के लिए नहीं कहा है