सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता। मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूं। – रतन टाटा
भारत के सबसे बड़े समूह टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सोमवार को उद्योगपति ने सोशल मीडिया पोस्ट में अपने स्वास्थ्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया था और कहा था कि वह अपनी उम्र के कारण नियमित चिकित्सा जांच करवा रहे थे।
दो दिन पहले ही दिया था हेल्थ अपडेट
नियति का खेल ही कहिए कि रतन टाटा ने अपने निधन से दो दिन पहले ही अपने स्वास्थ्य को लेकर बड़ा अपडेट दिया था। उन्होंने बताया था कि वह अपने उम्र संबंधी परेशानियों के चलते हेल्थ चेकअप करवाने गए हैं। चिंता की कोई बात नहीं है। इसी दौरान एक बयान भी जारी हुआ था, जिसमें लिखा था कि मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते रेगुलर मेडिकल चेकअप करवा रहा हूं। उन्होंने कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है। मेरा मनोबल ऊंचा है। उन्होंने लोगों और मीडिया से अफवाह न फैलाने और उसपर ध्यान न देने की अपील की थी।
पुरस्कार और सम्मान
86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले रतन टाटा को ढेरों पुरस्कार और खिताब से सम्मानित किया गया था। भारत के 50वें गणतंत्र दिवस समारोह पर उन्हें पद्म भूषण तो 26 जनवरी 2008 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
■ 2008 में वह नैसकॉम ग्लोबल लीडर शिप पुरस्कार प्राप्त करने वालों में से एक थे। ये पुरस्कार उन्हें 14 फरवरी 2008 को मुंबई में एक समारोह में दिया गया था। 2007 में उन्हें टाटा परिवार की ओर से परोपकार का कारनैगी पदक से सम्मानित किया गया था।
- रतन टाटा भारत में विभिन्न संगठनों में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे। वह प्रधानमंत्री की व्यापार एवं उद्योग परिषद के सदस्य भी थे। मार्च 2006 में टाटा को कॉर्नेल विश्वविद्यालय की ओर से 26 वें रॉबर्ट एस सम्मान से सम्मानित किया गया था।
रतन टाटा का प्रेरणादायक बातें, जो बदल सकती हैं जीवन
जीवन में सिर्फ अच्छी शैक्षिक योग्यता या अच्छा करियर ही काफी नहीं है। बल्कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि एक संतुलित और सफल जिंदगी जिएं। संतुलित जीवन का मतलब है हमारा अच्छा स्वास्थ्य, लोगों से अच्छे संबंध और मन की शान्ति, यह सब कुछ अच्छा होना चाहिए।
दुनिया में इंसान सिर्फ एक मोबाइल के रिचार्ज जैसा है, जो अपनी वैलिडिटी के बाद खत्म हो जायेगा। हर किसी की वैलिडिटी है। अगर आप भाग्यशाली रहे तो कम से कम 50 साल तो जिएंगे ही। इन 50 सालों में सिर्फ 2500 सप्ताहांत होते हैं। क्या तब भी सिर्फ काम ही काम करने की जरुरत है? जीवन को इतना भी कठिन नहीं बनाना चाहिए कि खुशियां हमसे दूर रहें। जीवन उतार-चढ़ाव से भरा होता है, इसकी आदत बना लेनी चाहिए।
दूसरों की नकल करने वाला इंसान थोड़े समय के लिए सफलता तो प्राप्त कर सकता है, लेकिन वह जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ सकता है।
हमारी गलती सिर्फ हमारी है, हमारी असफलता सिर्फ हमारी है, किसी को इसका दोष नहीं देना चाहिए। हमें गलती से सीखना चाहिए और जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।
लोहे को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन इसकी खुद की ही जंग इसे नष्ट कर देती है। इसी प्रकार एक व्यक्ति को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता है, लेकिन खुद की मानसिकता उसे बर्बाद कर सकती है।
फोर्ड की कंपनी खरीदकर लिया अपमान का बदला
90 के दशक में जब टाटा समूह ने अपनी कार को लॉन्च किया तब बिक्री उम्मीदों के अनुरूप नहीं हो पाई। टाटा समूह ने टाटा मोटर्स के यात्री कार विभाग को बेचने का मन बना लिया। इसके लिए रतन टाटा ने अमेरिकन कार निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर्स के अध्यक्ष बिल फोर्ड से बात की। बातचीत के दौरान बिल फोर्ड ने उनका मजाक उड़ाते हुए कहा था कि तुम कुछ नहीं जानते, आखिर तुमने पैंसेजर कार डिविजन शुरू ही क्यों किया? अगर मैं यह सौदा करता हूं तो यह तुम पर बड़ा अहसान करूंगा। फोर्ड चेयरमैन के इन शब्दों से रतन टाटा बहुत आहत हुए और उन्होंने पैंसेजर कार विभाग बेचने का अपना फैसला टाल दिया।
बाद के वर्षों में टाटा मोटर्स को रतन ने बुलंदियों पर पहुंचा दिया। दूसरी ओर, फोर्ड कंपनी की हालत बिगड़ती जा रही थी। डूबती फोर्ड कंपनी के प्रमुख लग्जरी ब्रिटिश ब्रांड जगुआर लैंड रोवर 2008 में 2.3 अरब डॉलर में खरीदकर अपमान का बदला ले लिया। इतना ही नहीं फोर्ड के चेयरमैन बिल को इस सौदे के लिए भारत आकर टाटा से बातचीत करनी पड़ी। तब अपमानभरी बातें करने वाले बिल फोर्ड ने ही रतन टाटा को धन्यवाद करते हुए कहा, आप जैगुआर और लैंड रोवर सीरीज को खरीदकर हम पर बड़ा अहसान कर रहे हैं।
संभावित उत्तराधिकारि में नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई
संभावित उत्तराधिकारियों में नोएल टाटा मजबूत दावेदार के रूप में उभरते हैं। नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन से जन्मे नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। यह पारिवारिक बंधन नोएल टाटा को टाटा विरासत को प्राप्त करने के लिए उन्हें महत्वपूर्ण स्थिति में रखता है। हालांकि, उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए उनके तीन बच्चों में से किसी एक पर भी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इनके अलावा, रतन टाटा के एक छोटे सगे भाई भी हैं जिम्मी टाटा। जो हमेशा सुर्खियों और टाटा समूह की गतिविधियों से दूर रहते हैं। नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं। इन्हें टाटा की विरासत के संभावित उत्तराधिकारियों के रूप में देखा जाता है। इनमें माया टाटा, नेविल टाटा और लिया टाटा शामिल हैं। 39 साल की लिया टाटा सबसे बड़ी हैं। वह टाटा समूह के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अपनी विशेषज्ञता लाई हैं। स्पेन के आईई बिजनेस स्कूल से पढ़ीं लीया ने ताज होटल्स रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह इंडियन होटल कंपनी में संचालन का प्रबंधन करती हैं। 34 वर्षीय माया टाटा समूह के भीतर महत्वपूर्ण प्रगति कर रही हैं। बेयज बिजनेस स्कूल और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरविक से पढ़ीं माया ने टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड और टाटा डिजिटल में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। हैं। टाटा न्यू ऐप को लॉन्च करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। 32 साल के नेविल टाटा पारिवारिक व्यवसाय में गहराई से शामिल हैं। उनकी शादी टोयोटा किर्लोस्कर ग्रुप परिवार की मानसी किर्लोस्कर से हुई है। नेविल ट्रेंट लिमिटेड के तहत प्रमुख हाइपरमार्केट चेन स्टार बाजार के प्रमुख हैं।