150 डॉलर की राशि व ट्रॉफी से सम्मानित
रायपुर . अंतरराष्ट्रीय ब्लिट्ज व रैपिड चेस टूर्नामेंट में रायपुर के 12वर्षीय सब जूनियर खिलाड़ी विवान राय शानदार प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान हासिल करने में सफल रहे। सिंगापुर में आयोजित की गई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल करने पर विवान को 150 डॉलर और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ में शतरंज खेल के प्रति खिलाड़ियों का रुझान बढ़ा है। गत दिनों भुवनेश्वर में आयोजित 16 वीं के आईआईटी इंटरनेशनल चेस फेस्टिवल में भिलाई के यशद बांबेश्वर ने यूएसए के ग्रैंडमास्टर ग्रैंडमास्टर रसेट जियादिनोव व हंगरी के इंटरनेशनल मास्टर तुर्जी एटिला को हराकर शतरंज जगत में सनसनी फैला दी थी।
रायपुर के ही एक अन्य प्रतिभावान खिलाड़ी आनंद राय ने भुवनेश्वर की किट इंटरनेशनल चेस फेस्टिवल में सी केटेगरी में भाग लेकर चौथा स्थान हासिल किया है 50000 रुपए की इनामी राशि जीती।
शतरंज के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी आनंद का आज जन्मदिन, पांच बार के चैंपियन रह चुके
शतरंज के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी 5 बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद की। आनंद का जन्म 11 दिसंबर, 1969 को सुशीला और कृष्णामूर्ति विश्वनाथन के यहां तमिलनाडु के माइलादुथुराई में हुआ था।फरवरी, 1984 में महज 14 वर्ष की उम्र में वह राष्ट्रीय चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे। अप्रैल, 1984 में आनंद ने विश्व सबजूनियर चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया। उस दौरान राष्ट्रीय चैंपियन होने के नाते, मैं इस टूर्नामेंट में उनके साथ बतौर कोच गया था। सोवियत टीम के कोच एलेक्सेई सुएतिन और नोना गैपरिंडेशविली, इतनी कम उम्र में आनंद के चातुर्यपूर्ण फैसलों और पोजीशनों से हैरान थे।
1985 की लायड बैंक मास्टर्स चेस में आनंद ने मेस्टेल पर सिर्फ 10 मिनट में जीत दर्ज की। मेस्टेल ने दो घंटे 29 मिनट का समय लिया। बीबीसी ने उन्हें द लाइटनिंग किड का नाम दिया। 1987 में आनंद एशिया के पहले चेस विश्व चैंपियन बने, जब उन्होंने जूनियर विश्व चैंपियनशिप जीती। इसी वर्ष वह भारत के पहले ग्रैंड मास्टर बने। 1990 में कैंडिडेट्स मुकाबलों के पहले ही मैच में एलेक्सी ड्रीव को हराने के बाद वह विश्व नंबर-5 बन गए। वर्ष 2000 में वह एलेक्सी शिरोव को हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बने। शतरंज की पत्रिका न्यू इन चेस ने उन्हें शतरंज का सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी बताया। आनंद 2007 में एकीकृत विश्व चैंपियन बने। इसके बाद वह 2008 में क्रैमनिक, 2010 में टोपालोव और 2012 में गेलफेंड को हराकर विश्व चैंपियन बने। वह 2017 में रैपिड के विश्व चैंपियन बने। इस समय आनंद सिंगापुर में विश्व चैंपियनशिप में गुकेश के साथ हैं।