इससे पहले बिरनपुर हिंसा और सीजीपीएससी फर्जीवाड़े की जांच का जिम्मा भी सीबीआइ को सौंपा गया है।
रायपुर : प्रदेश सरकार ने छह हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के महादेव सट्टा एप प्रकरण की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। इसकी अधिसूचना भी सोमवार को जारी कर दी गई। गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस प्रकरण में कई तरह के सवाल उठ रहे थे। इसलिए अब केंद्रीय एजेंसी हर पहलू की जांच करेगी। गृह मंत्री ने बताया कि महादेव सट्टा एप के संबंध में 70 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। देश के कई राज्यों में भी मामले दर्ज हैं। महादेव एप के संचालक विदेश में रहते हैं। उन्हें भी भारत लाने की कार्रवाई की जाएगी
प्रदेश का यह तीसरा प्रकरण : नौ महीने पहले बनी भाजपा सरकार ने सीबीआइ को महादेव एप की जांच का जिम्मा दिया है, जो तीसरा प्रकरण है। इससे पहले बिरनपुर हिंसा और सीजीपीएससी फर्जीवाड़े की जांच का जिम्मा भी सीबीआइ को सौंपा गया है। ईडी, ईओडब्ल्यू के अलावा महादेव एप प्रकरण में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) भी जांच कर रही है। ईडी की चार्जशीट में राजफाश हुआ कि महादेव सट्टा एप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल व शुभम सोनी ने सट्टेबाजी की काली कमाई को सफेद करने शेयर बाजार में एक हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है। सेबी भी जांच कर रही है।
एफआइआर में पूर्व मुख्यमंत्री का भी नाम
ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआइआर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 19 लोगों के नाम हैं। इसमें से रवि उप्पल, शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, विशाल आहूजा मुख्य आपरेटर हैं। जिनके दुबई में होने की सूचना है। इसके हरीशंकर के कई साथ ही चंद्रभूषण वर्मा, असीमदास, सतीश चंद्राकर, नीतिश दीवान, अनिल कुमार अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, धीरज आहूजा, अनिल कुमार सुनील दम्मानी, भीम सिंह यादव, टिबरेवाल, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी सहित सरकार अधिकारी व प्रभावशाली लोग शामिल हैं।