लखनऊ: एक ही शख्स द्वारा कई बार मतदान करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कड़े कदम उठाए हैं। पुलिस ने आरोपी युवक की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दी है। उन्होंने कहा कि मतदान दल के सभी सदस्यों को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की अनुशंसा की गई है।
एटा जिले के नयागांव पुलिस स्टेशन में एफआईआर
उन्होंने बताया कि आज सोशल मीडिया में एक व्यक्ति द्वारा कई बार मतदान करने का वीडियो प्रसारित हुआ है। इस घटना को लेकर एटा जिले के नयागांव पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह एफआईआर IPC की धारा 171-F और 419 और RP अधिनियम 951 की धारा 128, 132 और 136 के तहत दर्ज की गई है। वीडियो में कई बार मतदान करते दिखाई देने वाले व्यक्ति की पहचान राजन सिंह पुत्र अनिल सिंह, गांव खिरिया पमरान के निवासी के रूप में हुई है और उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पोलिंग पार्टी के सदस्य होंगे निलंबित
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान दल के सभी सदस्यों को निलंबित करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं। संबंधित मतदान केंद्र में पुनर्मतदान की सिफारिश चुनाव आयोग से की गई है। यूपी के शेष चरणों में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदाताओं की पहचान की प्रक्रिया का कठोरता से पालन करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
अखिलेश यादव ने भी वीडियो शेयर किया
दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया और इसे वोट की लूट बताया था। अखिलेश ने लिखा कि अगर चुनाव आयोग को लगे कि ये गलत हुआ है तो वो कुछ कार्रवाई ज़रूर करे, नहीं तो…। इसके बाद आगे उन्होंने लिखा- भाजपा की बूथ कमेटी, दरअसल लूट कमेटी है।
राहुल गांधी ने भी किया शेयर
अखिलेश यादव के सोशल मीडिया पोस्ट को फिर राहुल गांधी ने भी शेयर किया और चुनाव ड्यूटी कर रहे अधिकारियों को वॉर्निंग दी। उन्होंने लिखा-अपनी हार सामने देख कर भाजपा जनादेश को झुठलाने के लिए सरकारी तंत्र पर दबाव बना कर लोकतंत्र को लूटना चाहती है। कांग्रेस चुनावी ड्यूटी कर रहे सभी अधिकारियों से यह अपेक्षा करती है कि वो सत्ता के दबाव के सामने अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी न भूलें। वरना INDIA की सरकार बनते ही ऐसी कार्रवाई होगी कि आगे कोई भी ‘संविधान की शपथ’ का अपमान करने से पहले 10 बार सोचेगा।