कोविड-19 के दौरान मास्क को बहुत जरूरी बताया गया था
वॉशिंगटन। एजेंसी। कोविड-19 महामारी की शुरुआत और इसके असर पर अमेरिकी कांग्रेस की जांच दो साल बाद पूरी हो गई है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह वायरस चीन के वुहान की एक लैब से लीक हुआ था। अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19का कारण बने वायरस सार्स कोव-2 की शुरुआत वुहान की लैब से हुई। इसे गेन ऑफ फंक्शन नाम की रिसर्च के जरिए बनाया गया था। इस रिसर्च में वायरस को और खतरनाक बनाया जाता है ताकि उसकी रोकथाम के तरीके खोजे जा सकें। 520 पन्नों की इस रिपोर्ट में मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों की भी आलोचना की गई है।
रिपोर्ट बताती है कि वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में 2019 के अंत में कुछ रिसर्चर्स कोविड जैसे लक्षणों वाली बीमारी से पीड़ित थे। यह घटना तब हुई जब वायरस के फैलने की आधिकारिक जानकारी भी नहीं थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वायरस प्राकृतिक तरीके से फैला होता, तो इसके सबूत अब तक मिल जाते। इसमें वुहान के मांस बाजार से वायरस फैलने के दावे को भी खारिज किया गया है। हालांकि, इस मुद्दे पर वैज्ञानिकों और संगठनों की राय बंटी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई वैज्ञानिक वायरस के प्राकृतिक तरीके से फैलने पर जोर देते हैं लेकिन 2022 में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट ने लैब से वायरस लीक होने की संभावना जताई थी।
अमेरिकी इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. फाउची पर सवाल
जांच रिपोर्ट में अमेरिकी इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. एंथनी फाउची की भी आलोचना की गई है। फाउची पर आरोप है कि उन्होंने लैब लीक थ्योरी को दबाने की फाउची पर आरोप है कि उन्होंने लैब लीक थ्योरी को दबाने की कोशिश की। डॉ. फाउची ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने जून में पैनल के सामने कहा था कि वुहान लैब में जो वायरस स्टडी हो रहे थे, वे सार्स कोव 2 नहीं बन सकते। गवाही के दौरान, फाउची ने कहा कि शुरुआती सोशल डिस्टेंसिंग के नियम ऐसे ही बन गए थे। इस बयान को सबूत माना गया कि ये गाइडलाइंस मजबूत वैज्ञानिक आधार पर नहीं थीं।
वुहान लैब को अमेरिकी से मिली थी वित्तीय मदद
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने वुहान लैब की गेन ऑ मुद्दे ने फेक्शन रिसच को कड़ा किया था। इस पद के बड़ी बहस छेड़ दी है। इस रिपोर्ट ने महामारी से निपटने पर पहले से चल रहे राजनीतिक विवाद को और बढ़ा दिया है।