प्राचीन समय के रीति-रिवाज आज के समय से काफी अलग थे. उस दौर में लोग शिकारी होते थे, किसान होते थे, और प्राकृतिक चीजों का प्रयोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में भी करते थे. पर कुछ बातें इतनी विचित्र और अजीबोगरीब हैं, जो आज के इंसान सुनते हैं तो हैरत में पड़ जाते हैं. प्राचीन रोमन लोगों की ही बात करें तो ये लोग भी कई अजीब चीजें करते थे. रोमन लोगों के लिए एक बात प्रसिद्ध है. वो लोग पेशाब (Romans use urine to clean clothes) का प्रयोग माउथ वॉश, कपड़े धोने और डाई करने में प्रयोग करते थे.!
मेंटल फ्लॉस वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार अगर यूरिन को ज्यादा देर के लिए छोड़ दिया जाए, तो वो सड़ने के बाद अमोनिया में तब्दील हो जाती है. अमोनिया बेहतरीन क्लीनिंग एजेंट माना जाता है. ये आसानी से धब्बों को हटा देता है. रोमन ऑथर कैट्युलस ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि उस दौर के लोग इंसान और जानवरों की पेशाब का प्रयोग माउथवॉश (Romans use urine as mouthwash) की तरह और दांतों को साफ रखने में प्रयोग करते थे.
कपड़े धोने में करते थे प्रयोग
आपको जानकर हैरानी होगी कि पेशाब में नाइट्रोजन और फॉसफोरस भी होता है. जो पौधों को बड़ा करने में काफी मददगार होता है. रोमन ऑथर कॉलुमेला ने लिखा भी था कि पुरानी इंसानी पेशाब को अनार उगाने के काम में लाया जाता था, जिससे उनमें ज्यादा रस होता था और वो मीठे होते थे. दांतों के साथ-साथ रोमन अपने कपड़ों को धोने और उसे डाई करने में भी पेशाब का प्रयोग करते थे. पेशाब में यूरिया होता है जो जब अमोनिया में बदलता है तो बेहतरीन क्लीनिंग एजेंट बन जाता है. इससे ग्रीस या तेल के दाग आसानी से छूट जाते हैं. अमोनिया की वजह से डाई कपड़ों पर आसानी से चिपकता था और लंबे वक्त तक वैसे ही रहता था. इस तरह कपड़ों को रंगने का काम किया जाता था.!
जानवरों के इलाज में होता था पेशाब का प्रयोग
रोमन लेखक कॉलुमेला का कहना है कि जानवरों का इलाज करने के लिए भी इंसानी यूरिन का प्रयोग होता था. जिन भेड़ों को बाइल की समस्या होती थी, उन्हें इंसानी पेशाब पिलाई जाती थी. जिन जानवरों को फेफड़ों की समस्या होती थी, उन्हें नाक के रास्ते पेशाब दी जाती थी. कई बार चमड़ा बनाने में भी इंसानी मल और पेशाब का प्रयोग किया जाता था.!