बलिया का नरही थाना अचानक से सुर्खियों में आ गया है. कोई सोच भी नहीं सकता है कि इस थाने की कमाई एक महीने में डेढ़ करोड़ रुपए हो सकती है. थाने के पुलिसकर्मी वहां दर्ज केसों को सुलझाने के बजाय वसूली की लिस्ट तैयार करने में बिजी रहते हैं. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि DIG-ADG की थाने में पड़ी रेड में ये बातें निकलकर सामने आईं!
उत्तर प्रदेश का बलिया जिला आज सुर्खियों में रहा. वजह पुलिस के दो बड़े अधिकारियों ने भरौली पुलिस चेक पोस्ट पर छापेमारी की. इस दौरान दो पुलिसकर्मी सहित 18 लोगों को हिरासत में ले लिया, जबकि चेक पोस्ट से 37,500 की नकदी बरामद की. यही नहीं जिस नरही थाना क्षेत्र के अंतर्गत ये चेक पोस्ट आती थी, उस थाने के प्रभारी सहित नौ पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया. वहीं कोरंटाडीह पुलिस चौकी के प्रभारी समेत वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया. हालांकि इन सबसे बीच सवाल ये उठता है कि आखिर ये छापमारी क्यों की गई?
पुलिस चौकी पर चल रही थी वसूली
इसके बाद दोनों पुलिस अधिकारी टीम के साथ कोरंटाडीह पुलिस चौकी पर पहुंचे तो वहां भी वसूली हो रही थी. यह देख पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गए, क्योंकि उनको जो शिकायत मिली थी, वो सही साबित हो रही थी. पुलिस अधिकारियों को शक गहराया तो वह नरही थाने भी पहुंच गए. थाने में वसूली का खेल चल रहा था. पुलिस अधिकारियों को देख थाने में हड़कंप मच गया. थानाध्यक्ष सहित सभी जवान सकते में आ गए. थानाध्यक्ष तो दीवार फांदकर भाग निकले.!
महीने में डेढ़ करोड़ रुपए की कमाई
जानकारी के मुताबिक, हर रोज यहां से 1000 ट्रक गुजरते थे. हर ट्रक से 500 रुपए की वसूली होती थी. ऐसे में पांच लाख रुपए रोजाना की वसूली हो रही थी. महीने में 1.5 करोड़ की कमाई होती थी. आखिर इतनी बड़ी रकम कहां जा रही थी, ये सबसे बड़ा सवाल है. एसपी बलिया क्या कर रहे थे, क्या उनको इसकी खबर नहीं थी. जिस वजह से आजमगढ़ और वाराणसी से अधिकारियों को आना पड़ा. एसपी बलिया की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है. कब से ये वसूली चल रही थी, कौन कौन एसपी रहे, ड़ेढ़ करोड़ रुपए महीने का इंस्पेक्टर अकेले डकार जाता था या उस रकम का हिस्सा लगता था. ये सवाल हैं, जिनके जवाब मिलने बाकी हैं1