केआर भास्कर ने 25 साल पहले बेंगलुरु के एक होटल में वेटर के तौर पर काम करना शुरू किया था। फिर मुंबई में साइकिल से पुरणपोली नाम के स्नैक्स बेचने लगे। आज उनका ‘पुरणपोली घर ऑफ भास्कर’ ब्रांड कर्नाटक और महाराष्ट्र में मशहूर है। वह हर महीने इससे करोड़ों कमाते हैं।
होटल में वेटर थे भास्कर
शार्क टैंक इंडिया शो में पहुंचे भास्कर ने बताया कि 25 साल पहले उन्होंने बेंगलुरु के एक होटल में वेटर का काम शुरू किया था. उनकी उम्र उस समय 12 साल थी. 5 साल तक वह होटल में टेबल और बर्तन साफ करते रहे इसके बाद उन्होंने 8 साल तक डांस इंस्ट्रक्टर के तौर पर कामकाज किया है. भास्कर ने पान की दुकान भी चलाई लेकिन इन सबमें कुछ खास कमाई नहीं हुई. इसके बाद 23 साल के भास्कर ने साइकिल पर पूरनपोली बेचना शुरू किया इसके बाद भास्कर की जिंदगी बदल गई.
कुकिंग शो से फेमस हुए भास्कर
भास्कर ने बताया कि एक कुकिंग शो में उनका सेलेक्शन हुआ, जिससे वे फेमस हो गए. धीरे-धीरे भास्कर ने अपना ब्रांड खड़ा कर लिया. आज हर 8 महीने में भास्कर अपना नया आउटलेट खोल लेते हैं. सिर्फ कर्नाटक में उनकी 17 दुकानें और 10 से ज्यादा फ्रेंचाइजी हैं. इन दुकानों से हर महीने की बिक्री 18 करोड़ के करीब है. भास्कर ने पूरनपोली घर को एक मुनाफे वाली कंपनी बना दिया. दो और पार्टनर के साथ पूरनपोली का कारोबार अब महाराष्ट्र में फैल रहा हैं. भास्कर की कंपनी हर दिन 1000 से अधिक पूरनपोली बेचती है. पूरनपोली के अलावा उनके आउटलेट्स में 400 से ज्यादा स्नैक्स बिकते हैं.
शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 में केआर भास्कर ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया था। उन्होंने बताया था कि कैसे कई साल पहले वह बेंगलुरु के एक होटल में वेटर का काम करते थे। भास्कर की कहानी बताती है कि कड़ी मेहनत और लगन से सफलता जरूर मिलती है।