कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी को एक बार फिर संसदीय दल का अध्यक्ष चुन लिया गया है। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।
नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को शनिवार को एक बार फिर से पार्टी संसदीय दल का का प्रमुख चुना गया। संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी को सीपीसी प्रमुख नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया जिसका पार्टी के सांसदों ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया। सोनिया गांधी को सीपीसी प्रमुख चुने जाने से पहले पार्टी की कार्य समिति की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से आग्रह किया गया कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभालें।
सीपीपी अध्यक्ष बनने के बाद पीएम मोदी पर साधा निशाना
सीपीपी की अध्यक्ष चुने जाने के बाद सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर करारा प्रहार किया और कहा कि लोकसभा चुनाव में मोदी की ‘राजनीतिक और नैतिक हार’ हुई है और उन्होंने नेतृत्व करने का अधिकार खो दिया है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि संसद के सेंट्रल हॉल में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी को सीपीपी प्रमुख नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसका पार्टी के तीन सांसदों गौरव गोगोई, तारिक अनवर और के. सुधाकरन ने अनुमोदन किया। फिर से सीपीपी प्रमुख चुने जाने पर सोनिया ने पार्टी नेताओं का आभार जताया और कहा कि कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी दृढ़ता का परिचय दिया है।
‘मोदी ने नेतृत्व करने का अधिकार खोया’
सोनिया गांधी ने दावा भी किया कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक और नैतिक हार हुई है और ऐसे में उन्होंने न सिर्फ जनादेश बल्कि नेतृत्व करने का अधिकार भी खो दिया है। सोनिया ने कहा, ‘देश की जनता ने विभाजन की राजनीति और तानाशाही को खारिज करने के लिए निर्णायक वोट दिया है। उन्होंने संसदीय राजनीति को मजबूत करने और संविधान की रक्षा के लिए मतदान किया।