अनामिका जायसवाल ने रिव्यू पीटिशन दायर किया था, जिसे चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़, जस्टिस JB पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने खारिज कर दिया!
सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी-हिंडनबर्ग केस में फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी. इस मामले में 3 जनवरी को सुनाए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी ग्रुप की ओर से स्टॉक प्राइस में हेरफेर के आरोपों की जांच SIT या CBI को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था!!
इसी फैसले के खिलाफ PIL दाखिल करने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक अनामिका जायसवाल ने रिव्यू पीटिशन दायर किया था, जिसे चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़, जस्टिस JB पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने खारिज कर दिया.
रिकॉर्ड में कोई गलती नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय बेंच ने अपने आदेश में कहा, ‘रिव्यू पीटिशन पर गौर करने के बाद हमने पाया कि रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से कोई गलती नहीं है. सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला नहीं बनता, इसलिए, समीक्षा याचिका खारिज कर दी जाती है. इस रिव्यू पीटिशन पर तीनों जस्टिस ने चैंबर में विचार किया था!.
24 में से 22 मामलों में सुनवाई पूरी
सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी को CBI या SIT जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया था. इस फैसले को अदाणी ग्रुप की बड़ी जीत बताया गया. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि बाजार नियामक SEBI आरोपों की व्यापक जांच कर रहा है!.
याचिका में कहा गया था कि SEBI ने अपनी रिपोर्ट में आरोपों के बाद की गई 24 जांचों की स्थिति के बारे में सुप्रीम कोर्ट को केवल अपडेट किया था, चाहे वे पूरी हों या अधूरी हों, लेकिन किसी भी निष्कर्ष या डिटेल का खुलासा नहीं किया था. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि SEBI ने उन 24 मामलों में से 22 में अपनी जांच पूरी कर ली है, जहां अदाणी ग्रुप के खिलाफ आरोप लगाए गए थे.!