अलवर. राजस्थान के अलवर जिले में एक संस्था नेत्रहीनों के जीवन में उजियारा फैला रही है. वैसे तो अलवर में दृष्टिहीनों की मदद के लिए नवदिशा संस्थान हमेशा तैयार रहता है, लेकिन अलवर के दृष्टिहीन लोगों के लिए एक बार फिर इस संस्थान ने एक नया कदम उठाया है. संस्था का यह नया कदम दृष्टिहीन लोगों के लिए वरदान साबित होने वाला है!.
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दरअसल, गुजरात की एक कंपनी ने दृष्टिहीन लोगों के लिए एक खास चश्मा तैयार किया है, जिसे पहनकर दृष्टिहीन लोग भी आसानी से अपना डेली रूटीन का काम बिना किसी की मदद के कर सकते हैं. यह खास चश्मा एक तरह से फेस कैमरा है, जो एंड्रॉयड फोन के सपोर्ट से चलता है. जानकारी के अनुसार, गुजरात की एक कंपनी ने इस चश्मे को स्टार्टअप के रूप में तैयार किया है, जिसे अलवर का नवदिशा संस्थान शुरुआती फीडबैक के लिए दृष्टिहीन व्यक्तियों को उपलब्ध करा रहा है!.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से तैयार हुआ यह चश्मा अलवर के दृष्टिहीन लोगों के लिए मददगार भी साबित हो रहा है. संस्था के द्वारा अभी कुछ ही दृष्टिहीन लोगों को यह चश्मा उपलब्ध कराया गया है, वे सभी दृष्टिहीन लोग भी इस चश्मा को पहनकर आसानी से अपना कार्य बिना किसी की मदद लिए कर रहे हैं. संस्था से जुड़े कुछ दृष्टिहीन लोगों ने बताया कि यह चश्मा उनके अंधकार भरे जीवन में रोशनी फैला रहा है!
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इस चश्मे को ट्रायल के रूप में इस्तेमाल करने वाले दृष्टिहीन कुलदीप जैमन ने बताया कि यह कैमरा एक I-Phone बेस्ड डिवाइस है. इस डिवाइस में एक चश्मा है और उसके ऊपर फ्लैक्सिबल कैमरा लगा हुआ है. यह डिवाइस एक ओटीजी केबल के साथ मोबाइल से काम करता है. इस डिवाइस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सामने, दाएं-बाएं और जिस जगह जो चीज है, उसे भी यह रीड कर सकता है. इस डिवाइस की एक खासियत यह है कि सामने कौन सी वस्तु है और आप उससे कैसे बच सकते हैं, इसकी जानकारी भी देता है. दृष्टिहीन लोगों को आने-जाने में यह कैमरा डिवाइस बहुत ही मददगार साबित होगा. इसे इस्तेमाल करते वक्त दृष्टिहीनों को किसी की मदद की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
अलवर में दृष्टिहीनों की मदद के लिए संचालित नवदिशा संस्थान के अध्यक्ष अवनीश मलिक ने बताया कि यह चश्मा एंड्रॉयड फोन के सपोर्ट से चलता है. इसके सामने जो भी चीज आती है, उन्हें यह डिवाइस स्कैन करके बताता है. मलिक के मुताबिक यह कैमरा 12 भाषाओं को सपोर्ट करता है, जिसमें हिंदी, इंग्लिश, तमिल, कन्नड़, पंजाबी और गुजराती सहित हमारे देश की सभी मुख्य भाषाएं शामिल हैं. साथ ही यह कई देशों की करेंसी भी डिटेक्ट कर व्यक्ति को बता सकता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर कोई ब्लाइंड व्यक्ति अकेला है और वह पढ़ना चाहता है, तो इस चश्मे के जरिए वह आसानी से बिना किसी की मदद लिए किसी भी प्रकार के टेक्स्ट को पढ़ सकता है.
19500 रुपये है कीमत : नवदिशा संस्था के अध्यक्ष मलिक ने बताया कि वैसे तो एक डिवाइस की मार्केट कीमत 19 हजार 500 रुपये है, लेकिन हमारी संस्था को दृष्टिहीनों की मदद के लिए यह डिवाइस एक एंड्रॉयड फोन के साथ 18 हजार रुपये में ऑफर किया गया है. इसके बाद हमारी संस्था का एक ही प्रयास रहेगा कि यह कंपनी कितने दृष्टिहीन लोगों को डिवाइस उपलब्ध करा सकती है. संस्था की कोशिश रहेगी कि दृष्टिहीन व्यक्तियों को और भी कम कीमत पर यह चश्मा उपलब्ध करवा सके, जिससे वे अपने जीवन को और बेहतर बना सकें!