Flight Seat Safety : टिकट खरीदते वक्त आपके दिमाग में एक सवाल जरुर उठा होगा कि प्लेन में आगे की सीट सबसे सेफ होती है, पीछे की या बीच की? इसको लेकर अलग-अलग स्टडी हुई हैं. इनमें क्या पता चला है? आपको बताते हैं.
हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें, ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें’ …वसीम बरेलवी साहब का ये शेर हर ट्रेवलर को समर्पित है. हादसों के डर से यात्राएं तो स्थगित नहीं की जा सकती. हादसों को रोका भी नहीं जा सकता, लेकिन उनसे बचने की कोशिश तो की ही जा सकती है. इंसान जल, तल, वायु किसी भी माध्यम से यात्राएं करे, हादसे का खतरा तो हर जगह है. खैर, आज बात करेंगे हवाई यात्राएं करते वक्त होने वाले हादसों से बचने की जुगत की. पिछले कुछ सालों में प्लेन से यात्रा करने वालों की संख्या बढ़ी है. इसी के साथ बढ़ा है दुर्घटनाओं का खतरा भी. टिकट खरीदते वक्त आपके दिमाग में एक सवाल जरुर उठा होगा कि प्लेन में आगे की सीट सबसे सुरक्षित होती है, पीछे की या बीच की. इसको लेकर अलग-अलग स्टडी हुई हैं. इनमें क्या पता चला है? आपको बताते हैं.
पीछे की सीट ज्यादा सुरक्षित
– अमेरिका की ‘Aviation Disaster Law’ की रिपोर्ट में दावा किया गया कि मैगजीन ‘पॉपुलर मकैनिक्स’ (Popular Mechanics) ने 1971 से लेकर 2005 तक हुए प्लेन क्रैश की स्टडी की. इस स्टडी में पता चला कि प्लेन में सबसे पीछे की सीटें ज्यादा सुरक्षित होती हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया कि प्लेन में पीछे की सीट पर बैठे इंसान के बचने के चांस अन्य सीटों पर बैठे यात्रियों की तुलना में 40 फीसदी ज्यादा होते हैं.
– वहीं 1989 में, आयोवा की सिओक्स सिटी में हुई यूनाइटेड फ्लाइट दुर्घटना पाया गया कि जहाज पर सवार 269 लोगों में से 184 लोग इस दुर्घटना में बच गए. बचे हुए ज्यादातर लोग फर्स्ट क्लास के पीछे बैठे थे.
– इसके अलावा अमेरिकी मैगजीन ‘TIME’ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि 35 साल के प्लेन हादसों के आंकड़ों में पता चला कि प्लेन के पीछे के हिस्से में मध्य की सीटें ज्यादा सुरक्षित हैं. जिनकी मृत्यु दर 28% है. वहीं दूसरा सबसे सुरक्षित विकल्प 44 फीसदी मृत्यु दर के साथ फ्लाइट के बिल्कुल बीच की सीटें थीं.
क्या है कारण?
दरअसल पीछे की पंक्ति में बैठने से हादसे के वक्त आपको इमरजेंसी गेट का एक्सेस जल्दी मिल जाता है. वहीं बीच में बैठे लोगों के लिए हवाई जहाज के दोनों तरफ के पंखे खतरनाक होते हैं. जिनमें ईंधन भरा होता है. प्लेन के आगे की सीटों पर बैठने वाले यात्रियों पर दुर्घटना का असर सबसे पहले होता है. इन सबमें भी बीच की यानी मध्य की सीटें, खिड़की के पास की सीटों की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं. क्योंकि आस-पास दूसरे लोगों की वजह से बीच के यात्रियों को सुरक्षा मिल जाती है.
इन सबके इतर आज भी यात्रा के लिए सबसे सुरक्षित माध्यम हवाई यात्रा ही है. बता दें कि 2022 में, दुनिया भर में कुल सात करोड़ उड़ानें थीं, जिनमें केवल 174 मौतें थीं. ज्यादातर प्लेन में आगे की सीटों और इमरजेंसी गेट के पास की सीटों के टिकट महंगे होते हैं. लेकिन कई प्लेन हादसों में ये देखा गया कि पीछे सीटें ज्यादा सुरक्षित होती हैं. इसीलिए भविष्य में जब कभी आप अपने लिए या अपनी फैमिली के लिए प्लेन में कोई सीट बुक करें तो ध्यान दें कि वो पीछे की ही सीट हो.