राजस्थान में गुरुवार को जब पारा 51 हुआ तो 1956 का रेकॉर्ड टूट गया, लेकिन जैसलमेर ने सारे आंकड़े ध्वस्त कर दिए हैं। बीएसफ के जवानों के मुताबिक उन्होंने न केवल 55 डिग्री सेल्सियस की गर्मी दर्ज की, बल्कि जलती रेत पर पापड़ सेंक लिए और चावल पका लिया।
राजस्थान सहित दक्षिण से लेकर उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। राजस्थान के जैसलमेर में तो इतनी गर्मी पड़ रही है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने जलती रेत पर पापड़ तक सेंक दिया है। इससे गर्मी की भयावहता का अंदाज सहज तौर पर ही लगाया जा सकता है। इस जानलेवा गर्मी में भी जवान मुस्तैदी से सीमा पर देश की सुरक्षा में जुटे हुए हैं।
जवानों का कहना है कि गर्मी का आलम यह है कि पानी के बर्तन में चावल रख उसे खुले में छोड़ दिया जा रहा है, तो करीब 3 घंटे में यह बनकर तैयार भी हो जा रहा है। अपनी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से तापमान माप रहे जवानों का दावा है कि अबतक वे अधिकतम 55 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड कर चुके हैं।
गुरुवार को मौसम विभाग ने जोधपुर के फालोदी में अधिकतम तापमान 51 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था। बताया गया कि 1956 के बाद पहली बार देश में किसी जगह का तापमान इस रेकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। लेकिन जैसलमेर की स्थिति को देखते हुए यह रेकॉर्ड भी टूटता नजर आ रहा है। हालांकि मौसम विभाग ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को जैसलमेर का अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। एक प्राइवेट फर्म फोकस एनर्जी ने भी कहा है कि उनके थर्मोमीटर की मुताबिक अधिकतम तापमान 54.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन आंकड़ों की पुष्टि करना संभव नहीं है क्योंकि विभाग की वेधशालाएं इस इलाके में नहीं है।यहां गर्मी बर्दाश्त से बाहर है। बीएसएफ के जवान कैप, हेडगियर, खास चश्मों और पानी की बोतलों से लैस हैं। इसके बावजूद गर्मी सिर चढ़कर बोल रही है। जवानों ने बताया कि जब वे गर्म रेत पर चलते हैं तो उनके जूतों की सोल पिघलने लगती है। जवान समतल जमीनों पर पैदल और रेतीले इलाके में ऊंटों के सहारे पट्रोलिंग कर रहे हैं। राजस्थान समेत अन्य जगहों पर लू ने मौसम का मिजाज आक्रामक कर रखा है। अब तक देश भर में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले दिल्ली में 19 दिनों के भीतर 137 लोगों की मौत हो चुकी है।