Breaking News

 देश छोड़ने से 45 मिनट पहले तक हसीना प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग के लिए अड़ी थीं। आखिर बांग्लादेश में उन 45 मिनट में क्या हुआ था।

Spread the love

सेना पर आखिरी समय तक था भरोसा

उन्हें आखिरी समय तक ये लगता रहा था कि सेना उनके खिलाफ नहीं जाएगी। हालांकि, सेना की ओर से यह गारंटी कभी नहीं दी गई थी कि वह हसीना और उनकी सरकार की रक्षा करेगी। जब सेना प्रमुख ने अपने अधिकारियों को गोली न चलाने का आदेश दिया तो ही हसीना को ये समझ जाना चाहिए था कि खेल खत्म हो गया है। बांग्लादेश की सेना को उनसे ज्यादा अच्छे से कौन समझता रहा होगा। 1975 में इसी सेना ने उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान समेत उनके पूरे परिवार की हत्या कर दी थी। फिर भी उन्हें सेना से उम्मीद थी।

शेख हसीना ने की एक और गलती

पुलिस के कमजोर पड़ने और सेना के कार्रवाई करने से इनकार करने के बाद शेख हसीना ने एक और गलती की जब हथियारों से लैस पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उतार दिया। इसने एक बड़ी राजनीतिक हिंसा की शुरुआत की। पार्टी के नेता ने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी कहा। अगर उन्होंने शनिवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी होती, तो रविवार और सोमवार को होने वाली हिंसा से बचा जा सकता था। बांग्लादेश में उनकी पार्टी का भविष्य अभी भी बना रह सकता था। लेकिन रविवार की हिंसा ने उनकी किस्मत तय कर दी थी।

सिर्फ 45 मिनट तक का समय

सोमवार को जब प्रदर्शनकारी उनके आवास की तरफ बढ़ने लगे तो उन्होंने सेना से मजबूत कार्रवाई का आग्रह किया। उनकी बहन ने भी उन्हें पीछे हटने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद अमेरिका में मौजूद उनके बेटे साजीब वाजेद ने फोन कर उन्हें इस्तीफा देने पर राजी किया। इसके बाद वह देश के नाम एक संदेश रिकॉर्ड करना चाहती थीं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सेना के अधिकारियों ने उनसे 45 मिनट के अंदर देश छोड़ने को कह दिया था। उनके पास सामान पैक करने के लिए भी समय नहीं था। दुनिया में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली और एशिया की सबसे ताकतवर महिला राजनेता को सिर्फ 4 बैग को लेकर भागना पड़ा।

पार्टी नेताओं को छोड़ दिया अकेला

शेख हसीना के जाने की खबर उनके पार्टी नेताओं के लिए हैरानी भरी थी। कैबिनेट के सदस्य और पार्टी के शीर्ष दिग्गजों को इस बारे में कुछ नहीं पता था। उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई और उनका मानना था कि हसीना अपनी बात पर कायम रहेंगी। रविवार रात तक एक कैबिनेट मंत्री ने पश्चिमी सूत्रों से कहा था कि वे इस तूफान का सामना कर सकते हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Janmat News

Writer & Blogger

Related Posts:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *