Chandrababu Naidu और Nitish Kumar दोनों ही नेता पहले भी NDA का साथ छोड़ चुके हैं. फिलहाल दोनों ही NDA में सहयोगी हैं. नरेंद्र मोदी पर भरोसा जता रहे हैं. लेकिन सवाल है कि कब तक चलेगा ये नाता?
\PM इलेक्ट नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. संसद के सेंट्रल हॉल में 7 जून को NDA के घटक दलों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुना. बीजेपी के प्रस्ताव का गठबंधन के सभी दलों ने समर्थन किया और नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री चुन लिया गया. इस दौरान समर्थन पेश करने आए सहयोगी दलों के नेताओं ने गठबंधन में अपनी पूरी प्रतिबद्धता जाहिर की. इनमें चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार भी शामिल थे. NDA में बीजेपी के बाद सबसे बड़े दलों के नेता हैं. इन्हीं दोनों नेताओं पर सबकी नजर भी है. दोनों ही नेता पहले भी गठबंधन से अलग हो गए. हालांकि, इस बार अब तक ऐसी संभावना नहीं दिख रही है. मगर इस संभावना को भी नहीं नकारा जा सकता कि आने वाले समय में ऐसा हो सकता है कि चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की JDU केंद्र सरकार से अपना समर्थन वापस ले लें. तो सवाल है कि अगर ऐसे परिस्थिति बनती भी है तो ज्यादा कमजोर कड़ी कौन सी है. चंद्रबाबू नायडू या नीतीश कुमार. इस सवाल के जवाब को खोजने के लिए जरूरत है नायडू और नीतीश के राजनीतिक सफर पर थोड़ा प्रकाश डालने की!