वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मई महीने के लिए थोक महंगाई के आंकड़ों को जारी कर दिया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने थोक महंगाई दर में 2.61 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है!
नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से देश में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की टेंशन बढ़ा दी है. मई महीने में थोक महंगाई अपने 15 महीनों के हाई लेवल पर थी. शुक्रवार को सरकार ने थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि मई महीने में थोक महंगाई दर में 2.61 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है. यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से खाने – पीने की चीजों कारण हुई है. इससे पहले अप्रैल महीने में वर्ष-दर-वर्ष 1.26 प्रतिशत की वृद्धि से भी अधिक थे.
अनुमान से अधिक दर्ज की गई थोक मुद्रास्फीति दर
मई के आंकड़े अर्थशास्त्रियों की ओर से अनुमान लगाए गए 2.5 फीसदी की वृद्धि से अधिक थे. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मई, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है.”
खाने – पीने की वस्तुओं ने बिगड़ा बजट
बता दें कि मई महीने में खाने-पीने की चीजों के दामों पर सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है. जबकि अप्रैल में यह 5.52 प्रतिशत था. इसके अलावा सब्जियों की कीमतों में सालाना आधार पर 32.42 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि अप्रैल में इसमें 27.94 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की रेट में अप्रैल की तुलना में मई महीनें में साल-दर-साल 0.78% इजाफा हुआ है. इसके अलावा ईंधन और बिजली की कीमतों में अप्रैल में 1.38% की बढ़ोतरी हुई थी, जबकि मई में 1.35% का इजाफा हुआ है.!
बता दें कि इससे पहले बुधवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मई महीने में खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि मई महीने में भारत में रिटेल इंफ्लेशन गिरावट के साथ 4.75 प्रतिशत हो गई है, जिसकी वजह से मामूली रूप से डीजल-पेट्रोल और अन्य ईधन की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. हालांकि खाने पीने की चीजों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.