10 लाख रुपये तक के लोन पर मिलेगी 3 प्रतिशत ब्याज की छूट
मोदी कैबिनेट की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की एक अहम बैठक में बुधवार को प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी मिल गई। ये एक नई केंद्रीय स्कीम है जिसका उद्देश्य देश के मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि कोई भी छात्र वित्तीय बाधाओं की वजह से उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। पीएम विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 से निकली एक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें सिफारिश की गई थी कि सार्वजनिक और निजी दोनों ही तरह के उच्च शिक्षा संस्थानों में मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
8 लाख रुपए सालाना आय वाले परिवार के बच्चों को 10 लाख रुपए तक के लोन पर 3% ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। 4.5 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले छात्रों को पहले से पूर्ण ब्याज अनुदान मिल रहा है।
इस योजना के दायरे में देश के प्रमुख 860 हायर एजुकेशन सेंटर्स के 22 लाख से अधिक छात्र आएंगे।
किसे मिलेगा फायदा
ऐसे छात्र, जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपए से कम है। वे किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजनाओं के तहत लाभ के पात्र नहीं हैं। उन्हें 10 लाख रुपए तक के ऋण पर अधिस्थगन अवधि के दौरान 3 प्रतिशत की ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी।
कहां करेंगे आवेदन
उच्च शिक्षा विभाग का एक एकीकृत पोर्टल ‘पीएम-विद्यालक्ष्मी होगा। इस पर विद्यार्थी सभी बैंकों द्वारा उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज छूट के लिए आवेदन कर सकेंगे। ब्याज छूट का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा
पीएम मोदी बोले- पढ़ाई में पैसा बाधा न बने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कहा गया- इस योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को सहायता प्रदान करना है, ताकि उनकी पढ़ाई में पैसा बाधा न बने। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का ही विस्तार है।