वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संसद परिसर में हुई जेपीसी की बैठक पर कल्याण बनर्जी ने कहा कि बैठक में अघोषित आपातकाल जैसा माहौल चल रहा है। सभापति इस बैठक को आगे बढ़ा रहे हैं और वह किसी की नहीं सुन रहे हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि विपक्ष की सोच और नजरिया उजागर हो गया है। उन्होंने मीरवाइज के सामने हंगामा किया और बदसलूकी की। यह संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने JPC से 10 विपक्षी सदस्यों कों सस्पेंड पर सवाल खड़ा किया। इस पर JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई बैठक में मौजूद ही नहीं थे। मैंने सभी जेपीसी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा कि जब मैंने उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश की, तो उन्होंने नारेबाजी, शोर मचाना, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और खूब हंगामा किया। विपक्षी सांसद) बैठक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की। बैठक की कार्यवाही को रोकना उनकी रणनीति का हिस्सा है और वे नहीं चाहते कि रिपोर्ट पेश की जाए।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने JPC से 10 विपक्षी सदस्यों कों सस्पेंड पर सवाल खड़ा किया। इस पर JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई बैठक में मौजूद ही नहीं थे। मैंने सभी जेपीसी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा कि जब मैंने उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश की, तो उन्होंने नारेबाजी, शोर मचाना, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और खूब हंगामा किया। विपक्षी सांसद) बैठक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की। बैठक की कार्यवाही को रोकना उनकी रणनीति का हिस्सा है और वे नहीं चाहते कि रिपोर्ट पेश की जाए।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने JPC से 10 विपक्षी सदस्यों कों सस्पेंड पर सवाल खड़ा किया। इस पर JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई बैठक में मौजूद ही नहीं थे। मैंने सभी जेपीसी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा कि जब मैंने उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश की, तो उन्होंने नारेबाजी, शोर मचाना, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और खूब हंगामा किया। विपक्षी सांसद) बैठक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की। बैठक की कार्यवाही को रोकना उनकी रणनीति का हिस्सा है और वे नहीं चाहते कि रिपोर्ट पेश की जाए।
बैठक को लेकर बोले जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल
वहीं वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक को लेकर कहा कि, ‘आज की बैठक संपन्न हो गई है। आज दो महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल गवाह के तौर पर आए थे। एक प्रतिनिधिमंडल मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर से था। दूसरा प्रतिनिधिमंडल लॉयर्स फॉर जस्टिस का था, जिसमें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकील शामिल थे। उन्होंने अच्छा प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने विस्तृत शोध कार्य किया है, जो हमारी रिपोर्ट के लिए भी उपयोगी होगा। भले ही यह हमारे अधिकार क्षेत्र में न हो, लेकिन हमारे सदस्यों ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से कहा कि इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए, लेकिन मुझे दुख है कि आज की बैठक इतनी महत्वपूर्ण थी, लेकिन जिस तरह से कल्याण बनर्जी ने बैठक में बेवजह हंगामा किया, वेल में घुसकर बहस करने की कोशिश की और गाली-गलौज भी की, मुझे लगता है कि उन्होंने आज सारी हदें पार कर दीं और सारी मर्यादाएं तोड़ दीं। मुझे लगता है कि पूरा देश, पूरी दुनिया यह देख रही है…वह नहीं चाहते थे कि हम मीरवाइज उमर फारूक को भी सुनें, हमारे सभी सदस्य इससे आहत हैं। हमने बैठक दो बार स्थगित की, लेकिन उन्होंने अपना मन बना लिया था आज बैठक न होने देने के लिए… इसके बाद निशिकांत दुबे ने प्रस्ताव रखा और कुछ सदस्यों को बाहर भेजना पड़ा, जेपीसी सदस्य होने के बावजूद वे बाहर ही बयान देते हैं…ट्रिपल तलाक, अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के समय की तरह ही प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन पहले के नतीजे सकारात्मक थे और ये नतीजे भी सकारात्मक होंगे, जेपीसी की अगली बैठक 27 जनवरी को होगी’।