international Day of the World’s Indigenous Peoples: राजस्थान की गत सरकार द्वारा विश्व आदिवासी दिवस पर समाज को अधिक सम्मान मिले इसके लिए 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था और पहला राज्य स्तरीय समारोह बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम पर आयोजित किया गया था.
आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को और सशक्त बनाने के लिए आज 9 अगस्त को 42 साल पहले संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने विश्व आदिवासी दिवस (International Day of the World’s Indigenous Peoples) घोषित किया था. आज का यह दिन दुनिया भर के करीब 90 से अधिक देशों में निवास करने वाले जनजाति आदिवासियों को समर्पित है, जिसका मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के अधिकारों और अस्तित्व के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना है.
भारत में 10 करोड़ 40 लाख आदिवासी आबादी
भारत में करीब 104 मिलियन आदिवासी रहते हैं, जो देश की कुल आबादी का लगभग 8% है. देश में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान, उड़ीसा में सबसे अधिक जनजाति आदिवासी आबादी निवास करती है. जागरूकता का ही परिणाम है कि जनजाति जिले बांसवाड़ा और डूंगरपुर लोकसभा चुनावों सहित चार विधानसभा क्षेत्र से भारत आदिवासी पार्टी के जनप्रतिनिधि आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं!.
आदिवासी दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?
विश्व आदिवासी दिवस मनाने की शुरुआत साल 1982 में हुई थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आदिवासी लोगों के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया था. आदिवासी समुदाय सदियों से सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहा है. इस दिन को मनाकर हम आदिवासियों के योगदान को याद करते हैं और उनके अधिकारों के लिए काम करने का संकल्प लेते हैं!
संयुक्त राष्ट्र द्वारा आदिवासी लोगों के अधिकारों के महत्व को उजागर करने के लिए ही इस दिन को मनाने की शुरूआत इसीलिए की गई क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की यह कोशिश है कि आदिवासी लोगों के जंगलों को, उनके घर को उनसे ना छीना जाए, उनके पर्यावरण के साथ खिलवाड़ ना किया जाए. इस साल विश्व स्वदेशी दिवस पर स्वदेशी लोगों के ‘स्वैच्छिक अलगाव और प्रारंभिक संपर्क में स्वदेशी लोगों के अधिकारों की रक्षा करने’ के महत्व पर जोर दिया जा रहा है. इसका अर्थ है कि स्वैच्छा से यदि आदिवासी या स्वदेशी लोग बातचीत करना चाहें या फिर समाज से जुड़ना चाहें तो उन्हें जुड़ने दिया जाए लेकिन समाज का हिस्सा बनने के लिए उनके साथ किसी तरह की जोर-जबरदस्ती ना की जाए.!