नई दिल्ली : दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर 67 वर्षीय बुजुर्ग बन कनाडा जा रहे 24 साल युवक को हिरासत में लिया गया था। अब माामले में पुलिस ने उस एजेंट को गिरफ्तार कर लिया, जिसने 60 लाख रुपये में उसके फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। एजेंट की पहचान उत्तर प्रदेश के पीलीभीत निवासी जगजीत सिंह के रूप में हुई है।
बूढ़ा दिखने के लिए किया मेकअप
18 जून को शाम 5:20 बजे, CISF स्टाफ ने टर्मिनल 3 के चेक-इन एरिया में एक यात्री को रोका था। पूछताछ करने पर, उसने खुद को रशविंदर सिंह बताया, जिसका जन्म 10 फरवरी, 1957 को हुआ था। उसने कहा कि वह रात 10:50 बजे एयर कनाडा की फ्लाइट से कनाडा जा रहा था। एक अधिकारी ने कहा कि उसका रूप, आवाज और स्किन पासपोर्ट में दिए गए डिटेल से काफी कम उम्र की लग रही थी। करीब से देखने पर पता चला कि उसने अपने बाल और दाढ़ी को सफेद रंग से रंगा हुआ था। साथ ही बूढ़ा दिखने के लिए चश्मा पहन रखा था।
संदेह के आधार पर पकड़ा
उसके मोबाइल फोन की जांच के दौरान गुरु सेवक सिंह के नाम से दूसरे पासपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी मिली। आगे की पूछताछ में यात्री ने स्वीकार किया कि यह उसका असली नाम है। वह रशविंदर सिंह के नाम से जारी पासपोर्ट पर यात्रा कर रहा था। सीआईएसएफ अधिकारियों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया और मामला दर्ज कर लिया गया।
गुरु सेवक ने खुलासा किया कि वह और उसकी पत्नी बेहतर आजीविका के अवसरों के लिए अमेरिका जाना चाहते थे। वह एक दोस्त के माध्यम से जगजीत के संपर्क में आया। अधिकारी ने कहा कि उसने हमें 60 लाख रुपये के बदले किसी और के पासपोर्ट का उपयोग करके अवैध रूप से कनाडा के माध्यम से अमेरिका भेजने का वादा किया। गुरु सेवक ने उसे 30 लाख रुपये दिए और यह तय हुआ कि बाकी की रकम गंतव्य पर पहुंचने के बाद दी जाएगी।