1992 में समाजवादी पार्टी का गठन हुआ था। पार्टी ने अपना पहला लोकसभा चुनाव साल 1996 में लड़ा। इस चुनाव में ही सपा को यूपी में 16 सीटें मिलीं और 20.84% मत मिले। सपा और कांग्रेस के आगे बढ़ने की एक बड़ी वजह उत्तर प्रदेश में मायावती की पार्टी बसपा का वोट शेयर घटना रहा। कभी इस पार्टी के लिए कहा जाता था कि बसपा का करीब 20 फीसदी वोटर ऐसा है जो पूरी तरह उसके साथ रहता है। इस चुनाव यह वोट शेयर घटकर नौ फीसदी के करीब रह गया। दलित वोटों का बसपा से दुराव और सपा-कांग्रेस गठबंधन की तरफ जाना भी इसकी एक वजह रही। वहीं, मुस्लिम वोटों का एकमुश्त सपा-कांग्रेस गठबंधन को वोट देने से भी इस गठबंधन को फायदा हुआ।
समाजवादी पार्टी स्वर्गीय मुलायम सिंह (नेता जी) के परिवार से ही 5 लोग संसद में नजर आ सकते हैं।
मैनपुरी से डिंपल यादव की जीत के बाद लोगों की नजर फिरोजाबाद से राम गोपाल यादव के बेटे और सपा के उम्मीदवार अक्षय यादव पर टिकी है जो अभी वहां से बढ़त बनाए हुए हैं।इसके साथ ही बदायूं से आदित्य यादव, जो शिवपाल सिंह यादव के सुपुत्र हैं, वह आगे चल रहे हैं।
साथ ही कन्नौज सीट से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो होने के साथ स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव (नेता जी) के बेटे अखिलेश यादव आगे चल रहे हैं।
वहीं, आजमगढ़ सीट से भाजपा के उम्मीदवार और भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव निरहुआ को पछाड़ते हुए अभय राम यादव के बेटे और स्वर्गीय मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव आगे चल रहे हैं।