प्रदेश के बलौदाबाजार जिले में गत 10 जून को हुई हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ के 14 दिनों के बाद सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती का बयान सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स में सामने आया।
मायावती ने कहा कि कलेक्टर कार्यालय परिसर में षड्यंत्रकारी असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ की निंदनीय घटना की आड़ में शासन-प्रशासन द्वारा निर्दोष सतनामी समाज के लोगों की गिरफ्तारी व मारपीट पर रोक लगाई जाए तथा उन्हें बिना शर्त तत्काल रिहा किया जाए व असली दोषियों पर जांच कर कार्यवाही की जाए।
मायावती के ट्वीट पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी जवाब दिया और उन्होंने लिखा कि धन्यवाद मायावती जी, छत्तीसगढ़ शांति का टापू है और इसे बनाए रखने की हरसंभव कोशिश की जाएगी। प्रदेश की शांति व्यवस्था को कायम रखना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। कुछ निहित स्वार्थी तत्व राजनीतिक प्रश्रय पाकर समाज में विष बोने का काम कर रहे हैं, उनसे कडाई से निपटा जाएगा। हर समाज के लोग यहां आपस में सौहार्द्र के साथ रहते हैं, आपने उपद्रवियों की निंदा की है, इसके लिए पुनः धन्यवाद आपका। गुरु घासीदास के उपदेश हमारे लिए प्रेरक हैं, मनखे, मनखे एक समान की भावना से ही हमारी सरकार काम कर रही है।
मायावती ने दोपहर एक बजे लगातार तीन पोस्ट सोशल मीडिया पर किए, जिसमें उन्होंने लिखा कि छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज की आस्था के केंद्र गिरौदपुरी से लगे हुए अमर गुफा में असामाजिक तत्वों के द्वारा बाबा गुरुघासी दास के जैतखाम को काटकर फेंक दिया जाना अति चिंताजनक है। इसके विरोध में सतनामी समाज द्वारा सीबीआई जांच की मांग को लेकर बलौदाबाजार में किए गए धरना प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर कार्यालय परिसर में षड्यंत्रकारी असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ आदि की घटना भी अति निंदनीय है।