केंद्र ने ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर के खिलाफ उनकी उम्मीदवारी विवरण की सत्यापन के लिए एक समिति का गठन किया है। पूजा खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है।
केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 में उम्मीदवार पूजा खेड़कर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों की सत्यापन के लिए भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट को 2 हफ्तों में पेश करेगी।
2023 बैच की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पर एक नौकरशाह के रूप में अनुचितता और अपने पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं. आरोप है कि वह अपनी निजी स्वामित्व वाली ऑडी सेडान पर लाल बत्ती, वीआईपी नंबर प्लेट और “महाराष्ट्र सरकार” स्टिकर का उपयोग कर रही थी
पूजा खेडकर का नाम उस समय चर्चा में आ गया, जब महाराष्ट्र शासन ने उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया. उनके खिलाफ पॉवर के दुरुपयोग की शिकायत मिली थी. सरकार ने यह कदम पुणे के कलेक्टर डॉक्टर सुहास दिवासे की मुख्य सचिव को लिखी एक चिट्ठी के बाद उठाया था.वाशिम में पूजा को अतिरिक्त सहायक कलेक्टर बनाया गया है.वो वहां 30 जुलाई 2025 तक सेवा देंगी.
पूजा ने पुणे में तैनाती के दौरान अधिकारियों से कुछ ऐसी मांगें कर दी थीं, जो किसी प्रशिक्षु अधिकारी को नहीं दी जाती हैं. उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल नीली बत्ती लगा ली थी. उन्होंने अपनी गाड़ी पर महाराष्ट्र शासन भी लिखवा लिया था. इसके बाद पूजा के मामले में तूल पकड़ लिया.
वीआईपी मांगों को लेकर फंसी आईएएस पूजा खेडकर
आईएएस पूजा खेडकर पर पुणे में बतौर प्रोबेशन आईएएस अधिकारी रहते हुए सत्ता के दुरुपयोग का आरोप है। बताया जा रहा है कि उन्होंने कई विशेषाधिकारों की मांग की, जो प्रोबेशन अधिकारियों को नहीं मिलते हैं। आईएएस पूजा ने अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया और उस पर लाल बत्ती लगाई। साथ ही उन्होंने एक आधिकारिक कार, आवास, ऑफिस रूम और अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की। ये भी आरोप है कि एडिश्नल कलेक्टर के छुट्टी पर रहने के दौरान आईएएस पूजा खेडकर ने उनके चेंबर पर कब्जा कर लिया और वहां अपनी नेमप्लेट लगा दी। इसके खिलाफ पुणे कलेक्टर ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिकायत की, जिसके बाद आईएएस पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया है।