Padma Awards 2025: भारत सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की जिसमें 139 पुरस्कार शामिल हैं। इनमे नीरजा भाटला, भीम सिंह भावेश, पी दत्तचनमूर्ति और एल हैंगथिंग को पद्मश्री मिला है। पुरस्कार उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दिया गया है। कुल 23 महिलाओं, 10 विदेशी और 13 मरणोपरांत विजेताओं को सम्मानित किया गया।
Padma Shri awardees 2025 full list: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 2025 के लिए पद्म अवार्ड्स का ऐलान हो गया है. गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक 2025 के लिए देशभर की कुल 139 हस्तियों का चयन हुआ है. इस सूची में 7 लोगों को पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 दिग्गज हस्तियों को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. इस सूची में देश के करीब 30 गुमनाम नायकों को उनके योगदान/उपलब्धियों के लिए जगह मिली है.
इन महान शख्सियतों को मिलेगा सम्मान
भक्ति गायक भेरू सिंह चौहान, पत्रकार भीम सिंह भावेश, उपन्यासकार जगदीश जोशीला, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए काम करने वाली नीरजा भाटला और कुवैत की योग टीचर शेख ए.जे. अल सबा भी पद्म श्री पुरस्कार पाने वालों की लिस्ट में शामिल हैं. नागालैंड के फल किसान एल हैंगथिंग, पुडुचेरी के वादक पी दत्चानमूर्ति. मध्य प्रदेश के सामाजिक उद्यमी सैली होलकर, मराठी लेखक मारुति भुजंगराव चितमपल्ली और अन्य पद्म पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट में शामिल हैं.
भीम सिंह भावेश भोजपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पिछले 22 सालों से वे ‘नई आशा’ नाम के अपने संगठन के जरिए मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। मुसहर समुदाय, समाज के सबसे हाशिये पर रहने वाले समूहों में से एक है। इसके लिए उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। पी दत्ताचनमूर्ति एक वाद्य यंत्र विशेषज्ञ हैं। वे थाविल बजाते हैं, जो दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण वाद्य यंत्र है। उन्हें इस क्षेत्र में 5 दशकों से भी ज़्यादा का अनुभव है।
पद्म पुरस्कार के बारे में जानिए
यह देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है। ये पुरस्कार पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं। ये पुरस्कार कला, समाज सेवा, लोक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि विभिन्न क्षेत्रों में दिए जाते हैं। ‘पद्म विभूषण’ असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, ‘पद्म भूषण’ उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए और ‘पद्म श्री’ किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है।
पद्म विभूषण लिस्ट
1. श्री दुव्वूर नागेश्वर रेड्डी (चिकित्सा, तेलंगाना)
2. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री जगदीश सिंह खेहर (लोक कार्य, चंडीगढ़)
3. श्रीमती कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया (कला, गुजरात)
4. श्री लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम (कला, कर्नाटक)
5. श्री एम. टी. वासुदेवन नायर (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा, केरल)
6. श्री ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत) (व्यापार और उद्योग, जापान)
7. श्रीमती शारदा सिन्हा (मरणोपरांत) (कला, बिहार)
पद्म भूषण लिस्ट
1. श्री ए सूर्य प्रकाश (साहित्य और शिक्षा-पत्रकारिता, कर्नाटक)
2. श्री अनंत नाग (कला, कर्नाटक)
3. श्री बिबेक देबरॉय (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा, NCT दिल्ली)
4. श्री जतिन गोस्वामी (कला, असम)
5. श्री जोस चाको पेरियापुरम (चिकित्सा, केरल)
6. श्री कैलाश नाथ दीक्षित (अन्य-पुरातत्व, NCT दिल्ली)
7. श्री मनोहर जोशी (मरणोपरांत) (लोक कार्य, महाराष्ट्र)
8. श्री नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी (व्यापार और उद्योग, तमिलनाडु)
9. श्री नंदमुरी बालकृष्ण (कला, आंध्र प्रदेश)
10. श्री पी आर श्रीजेश (खेल, केरल)
11. श्री पंकज पटेल (व्यापार और उद्योग, गुजरात)
12. श्री पंकज उधास (मरणोपरांत) (कला, महाराष्ट्र)
13. श्री रामबहादुर राय (साहित्य और शिक्षा-पत्रकारिता, उत्तर प्रदेश)
14. साध्वी ऋतंभरा (समाज सेवा, उत्तर प्रदेश)
15. श्री एस अजित कुमार (कला, तमिलनाडु)
16. श्री शेखर कपूर (कला, महाराष्ट्र)
17. सुश्री शोभना चंद्रकुमार (कला, तमिलनाडु)
18. श्री सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत) (लोक कार्य, बिहार)
19. श्री विनोद धाम (विज्ञान और इंजीनियरिंग, संयुक्त राज्य अमेरिका)
लीबिया लोबो सरदेसाई: सरदेसाई ने गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने 1955 में पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए जंगली इलाके में भूमिगत रेडियो स्टेशन ‘वोज दा लिबरडाबे (स्वतंत्रता की आवाज)’ की सह-स्थापना की थी.
निर्मला देवी: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की निर्मला देवी को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है. उन्हें सुजनी कढ़ाई कला की वैश्विक देवी भी कहा जाता है.
ढाक वादक गोकुल चंद्र डे: पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे ने पुरुष प्रधान क्षेत्र में 150 महिलाओं को प्रशिक्षित करके लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा है. डे ने पारंपरिक वाद्य यंत्र से 1.5 किलोग्राम का हल्का ढाक भी बनाया और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने पंडित रविशंकर और उस्ताद जाकिर हुसैन जैसे उस्तादों के साथ भी प्रस्तुति दी.
सैली होल्कर: महिला सशक्तिकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होल्कर ने माहेश्वरी शिल्प कायाकल किया, जो एक समय लुप्त हो रहा था. उन्होंने पारंपरिक बुनाई तकनीकों का प्रशिक्षण देने के लिए मध्य प्रदेश के महेश्वर में हथकरघा विद्यालय की स्थापना की. अमेरिका में जन्मी और रानी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत से प्रेरित होकर सैली ने 300 साल पुरानी बुनाई विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए पूरा जीवन लगा दिया.
डॉ. नीरजा भटला: दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. डॉ. नीरजा गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाने, उसकी रोकथाम और प्रबंधन के लिए जानी जाती हैं.