Breaking News

संदेशखाली केस : महिला आयोग की अध्यक्ष और BJP नेताओं के खिलाफ ECI पहुंची TMC, दर्ज कराई शिकायत

Spread the love

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ही संदेशखाली की महिलाओं पर कथित हिंसा और अत्याचार को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी.!

Sandeshkhali Case : चौथे चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भारतीय चुनाव आयोग में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा और पियाली दास सहित भाजपा नेताओं के खिलाफ संदेशखाली मामले को लेकर शिकायत दर्ज करवाई है. टीएमसी ने अपनी शिकायत में ‘संदेशखाली की निर्दोष महिलाओं पर दबाव बनाकर जालसाजी, धोखाधड़ी, धमकी और आपराधिक साजिश के गंभीर अपराध दर्ज कराने’ के सिलसिले में क्रिमिनल कार्रवाई करने की मांग की है. इससे पहले टीएमसी ने दावा किया था कि संदेशखाली की कई महिलाओं ने आरोप लगाया था कि बीजेपी के नेताओं ने उन्हें धोखा देकर तृणमूल नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज करवाने का दबाव बनाया था.

शशि पांजा ने लगाए थे ये आरोप

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ही संदेशखाली की महिलाओं पर कथित हिंसा और अत्याचार को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी. बीते दिनों पश्चिम बंगाल के मंत्री और पार्टी प्रवक्ता शशि पांजा ने आरोप लगाया था कि संदेशखालि से जुड़े आरोपों को लेकर एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने ‘राजनीतिक पूर्वाग्रह’ के तहत कार्य किया और वहां कि निर्दोष महिलाओं को यौन अत्याचार के झूठे आरोप लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है. इस मामले में टीएमसी ने पहले ही चुनाव आयोग से शिकायत करने के संकेत दे दिए थे. रविवार को टीएमसी ने ईसी से इसकी शिकायत भी की.

गौरतलब है कि संदेशखाली से सामने आए एक कथित वीडियो को लेकर बीजेपी और टीएमसी फिर से आमने-सामने आ गए हैं. टीएमसी की शिकायत एक इंटरव्यू पर आधारित है, जिसमें कथित तौर पर इन अवैध गतिविधियों में एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा और पियाली दास सहित भाजपा नेताओं की संलिप्तता का खुलासा किया गया है. टीएमसी की शिकायत के अनुसार, इंटरव्यू में संदेशखाली की एक महिला ने अपनी आपबीती बताई, जिसमें कहा गया कि उसे रेखा शर्मा और पियाली दास द्वारा धमकी दी गई थी और एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था. इसके बाद, उसे पता चला कि उसके हस्ताक्षर का इस्तेमाल उसकी जानकारी के बिना झूठी बलात्कार की शिकायत दर्ज करने के लिए किया गया था. शिकायत वापस लेने की कोशिशों पर स्थानीय भाजपा सदस्यों ने और भी धमकाया.!

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Janmat News

Writer & Blogger

Related Posts:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *