छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में रेत माफिया को रोकने खनिज विभाग ने एक अनोखा तरीका निकाला है. विभाग ने बीच रास्ते ही 25 फीट ऊंची दीवार बना दी है!
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में रेत माफियाओं की नींद तब उड़ी जब खनिज विभाग ने अवैध रेत परिवहन को रोकने रास्ते पर ही 25 फीट लंबी और 4 फीट ऊंची एक मजबूत दीवार खड़ी कर दी. यह दीवार राजिम के सिंधौरी चौबेबांधा रेत खदान से निकलने वाले रास्ते पर बनाया गया है. खनिज विभाग की इस नए तरकीब से खनिज माफियाओं में हड़कंप मचा है. अवैध खनन करने वालों के मंसूबो पर पानी फिरता नजर आ रहा है!
बीते दिनों चौबेबांधा गांव खनिज विभाग के द्वारा कार्रवाई कर चैन माउंटेन मशीन को सील कर दिया गया था लेकिन खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद थे. उन्होंने वह मशीन की सील को तोड़कर दोबारा से रेत का खनन शुरू कर दिया था. इसी गांव में खनन माफियाओं के गुर्गों ने चेहरे पर नकाब पहनकर खदान से वीडियो बनाकर निकल रहे यूट्यूबर पत्रकार को रास्ते में रोक कर मारपीट की थी. इसके बाद मीडिया ने इस अवैध खदान के संचालन और यूट्यूबर के साथ हुई मारपीट को लेकर जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे.!
गरियाबंद जिले में धड़ल्ले से अवैध रेत खनन का कारोबार फल फूल रहा है. दबंगई इस कदर की जब खनिज विभाग चैन माउंटेन को शील करते थे तो उसे तोड़ कर अवैध खनन को अंजाम देते थे. कई बार शिकयत के बाद जब खनिज अधिकारी गरियाबंद से यहां तक पहुंचेते थे तब तक मशीन और गाड़िया दोनों ही मौके से गायब कर देते थे. इसके चलते खनिज विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे. इसी बात से परेशान खनिज अधिकारी ने गरियाबंद कलेक्टर के साथ मीटिंग के बाद इस अनोखे तरीके की कार्रवाई को अंजाम देना शुरू किया है और नदी में रेत निकलने के रास्ते पर मजबूत दीवार खड़ा कर दिया.
गरियाबंद खनिज अधिकारी फगुलाल नागेश ने बताया कि सिंघोरी और चौबे बांधा रेत खदान पर जाने का रास्ता एक ही है. दोनों जगह अवैध खनन को लेकर कई बार करवाई की गई है लेकिन कार्रवाई होने के तुरंत बाद अवैध खनन करने वाले वहां पर फिर से उत्खनन शुरू कर दिया करते थे. इस सब को देखते हुए गरियाबंद कलेक्टर से इस बारे में चर्चा की गई और यह रास्ता निकाला गया कि अवैध खनन वाली खदानों पर निकासी वाले स्थान पर या तो दीवाल खड़ी कर रास्ता ब्लॉक कर दिया जाएगा या जहां पर समतल जगह नहीं है वहां पर मशीन से गड्ढा खुदवा कर रास्ते को ब्लॉक कर दिया जाएगा ताकि रेत परिवहन करने वाले वाहन खदान में आना और जाना ही न कर सके.!.